जरा सोचिए......अग्निपथ क्या वाकई अग्निपथ है?

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141

अग्निपथ क्या वाकई अग्निपथ है?

- डा. मुकेश गर्ग

(लेखक एक स्वतंत्र उद्यमी, विचारक, ब्लॉगर एवम यू ट्यूबर है)




पिछले कई वर्षों से सरकार देश की सेनाओं में नई भर्ती नही कर रही थी क्योंकि सेना कुल रक्षा बजट का 33ः सैनिकों की तनख्वाह तथा 28ः रिटायर्ड सैनिकों की पेंशन में दे रही है जबकि बाकी कुल खर्चाे के लिए मात्र 39ः ही बच रहा था जिससे चाह कर भी सेना न तो आधुनिकीकरण की और जा पा रही है और न ही सामान्य रखरखाव के खर्चे, वाहनों एवम रक्षा उपकरणों को चलाने के खर्चे अथवा नए एम्युनिशन खरीदने के खर्चे सुचारू रूप से चल पा रहे है। यह भी तब है जब देश का रक्षा बजट कुल संघीय बजट का लगभग 30ः के आसपास है। सेना और सरकार दोनों ही इस समस्या से निजात पाने के लिए माथापच्ची कर रहे थे कि कैसे इस समस्या से निजात पाया जाय एवम हमारे जवानों की जो औसत सेवा आयु 32 है, उसे कम किया जाए ताकि सेना को नवयुवकों की सेवाएं मिलती रहे। यह विचार विमर्श1989 से ही विभिन्न केंद्र सरकारों के मध्य लंबित चलता रहा तथा अन्य विकसित देशो की सेनाओं के रखरखाव का अध्ययन होता रहा तो जो तथ्य सामने आए वह चौकाने वाले थे क्योंकि अमेरिका में सेना में जवानों की भर्ती मात्र 4 वर्षाे के लिए, रूस में 3 वर्षाे के लिए, ब्रिटेन में 2 वर्षाे के लिए जबकि चीन में मात्र 1 वर्ष के लिए ही कि जाती है, कोई पेंसनेबल तनख्वाह नही और कुल मिला कर प्रत्येक बैच से 10 से 20ः  जवान ही नियमित सेवा में प्रोन्नत किये जाते है।

  अब देश की मोदी सरकार ने बहुत माथा पच्ची करते हुए सभी देशों की सेवा तरीकों के आधार पर “अग्नि पथ एवम अग्नि वीर” योजना निकाली जिसमे 17.5 वर्ष आयु से लेकर 23 वर्ष आयु के 10वी से 12वी पास नवयुवकों की देश मे 4 वर्षाे के लिए पहले चार वर्षों में 46000 भर्ती की जाएंगी जिन्हें बाद में बढ़ाकर 125000 कर दिया जाएगा तथा उन्हें चारांे सेवा काल के वर्षाे में 35000 से लेकर 45000 रुपये मासिक की अनुबंध आधारित मानदेय दिया जाएगा तथा 4वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद 25ः  अति योग्य जवानों को नियमित सेवा में ले लिया जाएगा तथा बाकी 75ः  जवानों को 1170000 रुपये का एकमुश्त सेवा मुक्ति धनराशि देकर सेवामुक्त कर दिया जाएगा तथा इस प्रकार सेवामुक्त हुए जवानों को विभिन्न अन्य सरकारी सेवाओं में आरक्षण निर्धारित किया गया है और जो लोग अन्य कही सेवा में नही जा पाएंगे उन्हें सेवामुक्ति धनराशि से नए जीवन को प्रारम्भ करने की नींव रखी जायेगी।

  निश्चित रूप से सरकार एवम सैन्य अधिकारियों ने सेना में नई भर्ती के लिए एक बेहद ही आकर्षक एवम सुविधाजनक योजना प्रारम्भ की परन्तु हमारे देश मे किसी भी नई योजना/बदलाव का विरोध करने वाले नकारात्मक सोच के लोगो, कोचिंग सेंटर वाले एवम विभिन्न विपक्षी दलों ने देश के युवाओं को इस कदर भड़काया कि मात्र 3 दिनों में ही देशभर में 700 करोड़ की संपत्ति, रेल एवम अन्य सुविधाओं को आग के हवाले कर दिया गया और पुरजोर विरोध किया गया।

  क्या हम लोगो को यह विचार नही करना होगा कि अन्य देशों से मुकाबला करने के लिए भारत को भी आधुनिकीकरण एवम खोजूंन्मुख योजनाओं को देश मे लागू करना होगा तभी हम भी विश्व के अन्य देशों की भांति विकसित देश बन पाएंगे, जरा सोचिए......

- डा. मुकेश गर्ग

(लेखक एक स्वतंत्र उद्यमी, विचारक, ब्लॉगर एवम यू ट्यूबर है)