जिले की अदालतों में तीन दशक से भी ज्यादा पुराने 545 चल रहे मुकदमे, हक की लड़ाई किसी मुकाम तक नहीं

  क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता 9837117141


गाजियाबाद। मालीवाड़ा की रहने वाली सुनीता और उनकी दो बहनों को जब पैतृक मकान में हिस्सा नहीं मिला तो 1990 में तीनों ने अदालत का दरवाजा खटखटा दिया। उस समय सुनीता 22 साल की थीं, इंसाफ के इंतजार में 54 की हो चुकी हैं लेकिन 32 साल का लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी हक की लड़ाई किसी मुकाम तक नहीं पहुंच पाई है।

तारीख पर तारीख मिलने की यह पीड़ा सिर्फ तीन बहनों की नहीं है। जिले की अदालतों में तीन दशक से भी ज्यादा पुराने 545 मुकदमे चल रहे हैं। इन्हें लड़ते-लड़ते कई लोग जवानी से बुढ़ापे की उम्र में आ गए लेकिन अदालत का फैसला नहीं आया। न्याय में देरी इसलिए हो रही है, क्योंकि 68 में से 21 अदालतें लंबे समय से खाली हैं। पुराने केस खत्म हो नहीं रहे और नए का बोझ बढ़ता जा रहा है।

नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड के अनुसार गाजियाबाद की अदालतों में 2,45,742 मुकदमे विचाराधीन हैं। इनमें 2,15,415 अपराध के हैं और 30,327 सिविल के। बार अध्यक्ष योगेंद्र कौशिक का कहना है कि बार प्रयास करेगी कि हड़ताल कम से कम हो। हाल ही में दो अतिरिक्त न्यायाधीश की नियुक्ति हुई है। रिक्त अदालतों में नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट को पत्र लिखेंगे। अधिवक्ता राजकुमार चौहान का कहना है कि न्याय में देरी होने से पीड़ित का समय और धन दोनों खर्च होता है। अगर सभी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति हो जाए तो समय पर न्याय मिलने लगे। मुकदमों की संख्या अधिक होने से वादी-प्रतिवादी को सिर्फ तारीख मिलती है।
थाना और जिला बदला, 28 साल में नहीं हुई गवाही
ततारपुर में कहासुनी और एसएसी/एसटी एक्ट का 1994 का मामला है। प्रदीप के खिलाफ केस मसूरी थाना में दर्ज हुआ। तब ततारपुर गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में था। बाद में गौतमबुद्धनगर के जारचा थाना में चला गया। 28 साल से केस चल रहा है। अब तक गवाही तक नहीं हुई है।
कानून बदल गया, 20 साल से बिजली चोरी में नहीं हुई गवाही
भोजपुर के सुजानपुर अखाड़ा निवासी किरन पाल पर बिजली चोरी की रिपोर्ट जनवरी 2002 में दर्ज कराई गई थी। मुकदमा मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। 2006 में बिजली चोरी के कानून में बदलाव हो गया लेकिन इस मामले में गवाही नहीं हुई।
अदालत स्वीकृत रिक्त
सीबीआई - 04 - 02
अपर जिला जज - 22 - 09
वरिष्ठ सिविल - 11 - 06
मजिस्ट्रेट - 09 - 03
न्यायिक मजिस्ट्रेट - 08 - 01
कुल 68 21
वर्ष - सिविल - क्रिमिनल - कुल
0 से 1 वर्ष - 9716 - 59637 - 69353
1 से 3 वर्ष - 7871 - 57000 - 64871
3 से 5 वर्ष - 6071 - 21492 - 27563
5 से 10 वर्ष - 4427 - 42914 - 47341
10 से 20 वर्ष - 1305 - 30593 - 31898
20 से 30 वर्ष - 604 - 3567 - 4171
30 वर्ष से अधिक - 333 - 212 - 545