क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
उप्र जल मंत्री स्वतंत्र देव जी से पूछना चाहता हूँ की भूगर्भ जल दोहन उप्र 2019 एक्ट लागू होने पर भी आर.ओ. प्लांट गा.बाद और उप्र में धड़ल्ले से क्यों चालू है? जब की मैं रविंद्र आर्य जल दोहन की शिकायत एक महीने से कर रहा हूँ, ग़ज़ियाबाद मे पानी का लेवेल बहुत कम हुआ है, जैसा की आपने न्यूज़ पेपर आदि में देखा होगा की खोड़ा कलोनी में पानी का लेवेल बहुत कम हुआ है, जो खोड़ा कॉलोनी दिल्ली बॉर्डर से मात्र करीब 1 किलोमीटर दूर है। और आर.ओ. प्लांट दुकानदार सरेआम जल दोहन कर रहे है। जिसकी शिकायत मैने गा.बाद डीएम, एसडीएम, एडीएम और सिचाई विभाग के नोडल ऑफिसर हरिओम जी को किया परन्तु अभी तक किसी को नोटिस और चलान पेनल्टी नहीं दिया गया है। यह जल दोहन उप्र 2019 एक्ट क्या वेबसाइट मे ही देखी जा सकेगी? यह ग़ज़ियाबाद और उप्र में पूर्ण रूप से कब लागू होगी। एक गा.बाद जिला में अनुमानित 250 अबैध आर.ओ. प्लांट एक दिन में 250000 लाख लीटर पानी खराब कर रहा है, जब की एक गा.बाद जिला में अनुमानित 450 से 500 प्लांट है। तो सोचे कितना पानी खराब होता होगा। अबैध आर ओ प्लांट दुकानदार पैसे कमा रहे है जल दोहन करके, जब की भूगर्भ जल दोहन 2019 एक्ट में नियमावली अनुसार आर ओ प्लांट को लाइसेंस और एन.ओ.सी. का प्रावधान ही नहीं है तो आर ओ प्लांट दुकानदार बिना लाइसेंस और एन.ओ.सी. कैसे चालू हो गए। जिसमे जल सिचाई विभाग बहुत सुस्त रवैया रहा है। भूगर्भ जल दोहन का नोटिस एवं चालन ना करना इसका एक प्रमाण रहा है। शिकायतकर्ता एवं न्यूज़ पेपर जल दोहन की स्टोरी और कवरेज का रहा खूब असर। प्रथम चलान प्रतिक्रिया कल दिनांक 17 जून 2022 से प्रारंभ हुई जिसमे अबैध आर ओ प्लांट का पांच लाख का जुर्माना किया गया। बता दे की उप्र 2019 एक्ट का हुआ पूर्ण रूप से पालन करते हुऐ, लघु सिचाई विभाग के अधिकारियों एवं मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मालिक एवं सी.डी.ओ के निर्देश अनुसार ट्रांस हिंडन ब्रिज बिहार में जल दोहन की शिकायत पर तीन अबैध आर ओ प्लांटो के संचालकों मनीष गुप्ता, नीरज शुक्ला व रत्ना देवी को पांच लाख की पेनल्टी लगा। सी.डी.ओ ने संबंधित अधिकारियों को अब भूगर्भ जल दोहन के नियमावली के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने के आदेश दिए गए है।
अभी -अभी आर. ओ. के एक्सपर्ट गा.बाद से अस्वनी बत्रा जी ने बताया कि आर. ओ. प्लांट में अगर 1000 लीटर पानी भरता है। तो उसमे दो गुना पानी खराब होता है, जिसको हार्वेस्टिंग बोरिंग सिस्टम भी बोलते है। जो कोई भी आर. ओ. प्लांट वाला नहीं कराता है। तो आप समझे एक दिन में 20000 हजार से 25000 लीटर तक पानी भरते है। तो आप समझे खराब कितना होता होगा। एक प्लांट से जल दोहन। जिला में करीब 500 प्लांट है।