World Hand Hygiene Day 2022: कोरोना वायरस से बचाव के लिए ठीक से हाथ धोना सबसे ज्यादा जरूरी

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

स्वास्थ्य विभाग विश्व हस्त स्वच्छता दिवस पर लोगों को करेगा जागरूक।

लखनऊ। कोरोना वायरस से बचाव के लिए ठीक से हाथ धोना सबसे ज्यादा जरूरी है, क्योंकि हाथों से ही संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से 'विश्व हस्त स्वच्छता दिवस' (वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे) पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। हर साल पांच मई को ये दिवस मनाया जाता है।

सीएमओ डा. मनोज अग्रवाल ने बताया कि हाथ धोने में ज्यादातर लोग लापरवाही बरतते हैं। अधिकतर लोगों को अब तक हाथ धोने का सही तरीका नहीं पता है। संक्रमण से बचाव के लिए दिनभर में पांच बार हाथ धोना जरूरी है। अगर आप बाहर निकलते हैं तो हाथों को सैनिटाइज करते रहें। हाथ भिगोने के बाद साबुन को हाथों की अंगुलियों के बीच और नाखून के नीचे कम से कम 20 सेकेंड तक अच्छे से रगड़ें।

इन बातों पर ध्यान दें

  • हाथ धोने के बाद हाथ में थोड़ा पानी लेकर नल बंद करें और टैप को धुलें
  • ध्यान रहे कि हर व्यक्ति का अपना अलग साबुन हो, लिक्विड हैंडवाश है तो अच्छा है
  • हाथ साफ करने की जगह को भी साफ-सुथरा रखना जरूरी है, वाश बेसिन में गंदगी न हो
  • हर व्यक्ति के हाथ पोंछने की अलग तौलिया होनी चाहिए
  • तौलिए में हाथ पोंछने के बाद उसे धूप में डाल दें

हर साल 5 मई को विश्व हाथ स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। क्योंकि इस वक्त हम सभी कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं, इसलिए इस दिन का महत्व हमारे जीवन में और भी बढ़ जाता है। क्लीन योर हैंड्स वैश्विक अभियान, 2009 में शुरू किया गया और हर साल 5 मई को विश्व हाथ स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल में हाथ की स्वच्छता के वैश्विक प्रचार, दृश्यता और स्थिरता को बनाए रखना है और साथ ही दुनिया भर में हाथ की स्वच्छता में सुधार के समर्थन में 'लोगों को एक साथ लाना' है।

विश्व हाथ स्वच्छता दिवस की इस साल की थीम है, 'गुणवत्ता और सुरक्षा जलवायु या संस्कृति'। ये साल यह पहचानने पर केंद्रित है कि हम अपने हाथों की सफाई के माध्यम से एक सुविधा की जलवायु या सुरक्षा और गुणवत्ता की संस्कृति को जोड़ सकते हैं, लेकिन यह भी कि एक मजबूत गुणवत्ता और सुरक्षा संस्कृति लोगों को सही समय पर और सही उत्पादों के साथ हाथ साफ करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। 

पीजीआइ में हैंड हाइजीन पर कार्यशाला और जागरूकता अभियान : अस्पताल में मरीजों के सीधे संपर्क में रहने वाले स्टाफ यदि मरीज को छूने से पहले हाथ साफ कर लें तो अस्पताल में भर्ती होने के बाद होने वाले संक्रमण (हास्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन) में 50 फीसदी की कमी लायी जा सकती है। इंफेक्शन के कारण मरीजों पर होने वाले सात से आठ हजार के एंटीबायोटिक पर कमी लायी जा सकती है। अस्पताल में रूकने का भी खर्च कम किया जा सकता है।

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) के हास्पिटल इंफेक्शन कंट्रोल सेल द्वारा आयोजित हैंड हाइजीन जागरूकता अभियान में अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश हर्ष वर्धन बताया कि भर्ती होने वाले 17 में से एक मरीज के मौत का कारण हास्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन होता है जिसे कम किया जा सकता है। 30 से 40 फीसदी स्टाफ हैंड हाइजीन प्रैक्टिस करते हैं।

किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट सहित अन्य विभाग में सर्विलांस और जागरूकता अभियान चलाया तो देखा प्रैक्टिस 70 से 80 फीसदी तक हुई। निदेशक प्रो. आरके धीमन ने एक मरीज के बाद दूसरे मरीज को छूने से पहले हाथ को अच्छी से तरह से साफ करने को कहा। गल्वस भी बदलने का सलाह दिया। इससे संक्रमण के विस्तार को रोका जा सकता है।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. गौरव अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक वीके पालीवाल ने हैंड हाइजीन की उपयोगिता पर जानकारी दिया। काम के लोड के कारण कई बार हैंड हाइजीन प्रैक्टिस स्टाफ नहीं कर पाता है लेकिन इसे फालो करना चाहिए। इससे मरीज को नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि घर में भी बीमारी से बचने के लिए खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।

सैनिटाइजर से हाथ को करें साफ : हाथ में ब्लड लगा है तो पहले साबुन से हाथ साफ करना चाहिए नहीं तो मरीज को छूने से पहले सैनिटाइजर से हाथ साफ करना चाहिए। सैनिटाइजर हाथ में लगा कर हाथ को सुखा लेने से बैक्टीरिया मर जाते है।