क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ कल यानी चार मई को लॉन्च होगा। निवेशक नौ मई तक इसे सब्सक्राइब कर सकेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी का आईपीओ 17 मई 2022 को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगा।
सरकार 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही
देश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ कल यानी चार मई को लॉन्च होगा। निवेशक नौ मई तक इसे सब्सक्राइब कर सकेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी का आईपीओ 17 मई 2022 को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगा। फिलहाल, ग्रे-मार्केट की बात करें तो एलआईसी के शेयर 90 रुपये प्रीमियत तक पहुंच चुके हैं। एलआईसी आईपीओ के जरिए अपने पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी में सरकार 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इसके के तहत सरकार कंपनी में अपने 22,13,74,920 शेयरों की बिक्री कर रही है और शेयर का प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है।
दो अलग-अलग कैटेगरी के तहत आवेदन
खाता धारक दो अलग-अलग कैटेगरी के तहत आईपीओ के लिए आवेदन कर सकते हैं। रिटेल कैटेगरी और पॉलिसी होल्डर कैटेगरी। दोनों कैटेगरी में 14-14 लॉट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। खास बात ये है कि अगर कोई व्यक्ति पॉलिसी होल्डर के साथ ही एलआईसी का कर्मचारी है तो वो कर्मचारी श्रेणी के तहत और 14 लॉट के लिए अप्लाई कर सकता है। यानी एम्प्लॉई कुल 42 लॉट के लिए बिड लगा सकते हैं। एम्पलॉई कैटेगरी में भी प्रति शेयर 45 रुपए की छूट मिल रही है।
आईपीओ क्या होता है
जब किसी को अपना बिजनेस बढ़ाना होता है तो उसे पैसों की जरूरत होती है। हमारे देश में पैसे जुटाने के तीन चार तरीके हैं। जैसे उधार मांग कर, प्रोपर्टी बेच कर या लोन लेकर। लेकिन इन छिटपुट पैसों से कंपनी बड़ा नहीं हो पाता। इसलिए कंपनिां अपना बिजनेस बढ़ाने की चाह में पब्लिक के पास जाती हैं। इसके लिए उन्हें अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा बनाना पड़ता है। इसे ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट कहते हैं। इसे लेकर वो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेजं के पास पहुंच जाती हैं। बीएसई-एनएसई देखती है कि इनकी कंपनी में आम लोगों के पैसे डलवाएं जा सकते हैं या नहीं। यहां से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद आईपीओ की तैयारी शुरू हो जाती है। आईपीओ के जरिये कोई भी कंपनी अपनी हिस्सेदारी यानी शेयर्स आम आदमी को बेचती है।
प्राइमरी-सेकेंड्री मार्केट
पहली बार कोई कंपनी शेयर बेच रही होती है तो इसकी मालिक भी वो खुद होती है और आप इसे कंपनी से खरीद रहे होते हैं। इसे प्राइमरी मार्केट कहा जाता है। लेकिन एक बार कंपनी से आईपीओ खरीद लेने के बाद आप कंपनी के हिस्सेदार हो गए। जब भी कोई नई कंपनी मार्केट में कूदती है तो दो-तीन दिन में उसे बहुत बड़ा फायदा या बहुत बड़ा नुकसान देखने लगते हैं। दोनों ही हालात में फिर हम सोचते हैं कि अपने शेयर्स बेच देते हैं। शेयर्स हम ब्रोकर को बेचते हैं और वो इसे अपने पास रख लेते हैं। बाद में दूसरे को बेच देते हैं। यही खरीदने और बेचने की प्रक्रिया सालों साल चलती रहती है जिसे सेकेंड्री मार्केट कहते हैं।
27 करोड़ से ज्यादा एलआईसी बीमा धारक, डीमैट अकाउंट की संख्या 8 करोड़
एलआईसी का बीमा बाजार पर इस कदर दबदबा है कि करीब 27 से 28 करोड़ लोगों ने इसकी पॉलिसी ले रखी है जबकि देश में कुल डीमैट अकाउंट की संख्या 8 करोड़ है। यानी एलआईसी पॉलिसी धारकों की संख्या देश के शेयर बाजारों या म्यूच्युअल फंडों में निवेश करने वालों से तीन गुना ज्यादा है। जिसे देखकर लगता है कि पॉलिसी होल्डर्स के बीच भी टफ कम्पटीशन होने वाला है। लेकिन एक आंकड़ों पर गौर करना भी जरूरी है जिसे वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के मुताबिक एलआईसी के आईपीओ में निवेश के लिए पॉलिसी से पैन को लिंक कराने की आखिरी तारीख 28 फरवरी थी। 6.8 करोड़ लोगों ने अपना पैन लिंक करा लिया था। ये तादाद डीमैट खाताधारकों से थोड़ी ही कम है। 10 फीसदी कोटा जो भाग्यशाली हुए उन्हें तो मिलेंगे ही। फायदा ये है कि 60 रूपये कम कीमत पर मिलेंगे। बाकी लोगों के लिए भी 35 फीसदी रिटेल कोटे में संभावनाएं रहेंगी।
क्या इसमें पैसा लगाना चाहिए?
ज्यादातर मार्केट के जानकार इसमें पैसा लगाने की सलाह दे रहे हैं। आईपीओ में शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों में पैसा बन सकता है। हालांकि जानकार लॉन्ग टर्म तक बने रहने की सलाह दे रहे हैं। जिसके पीछे की वजह इंश्योरेंस कंपनियों रा बिजनेस मॉडल लॉन्ग टर्म का होना है। एलआईसी के आईपीओ का प्राइस बैंड 904 से 949 रुपये का है। रिटेल निवेशकों के लिए एलआईसी ने 45 रुपये का डिस्काउंट रखा हुआ है। ऐसे में इस माध्यम से अप्लाई करने पर 949 के शेयर के लिए 904 रुपये के हिसाब से पेमेंट करना होगा। वहीं अगर आपके पास एलआईसी की पॉलिसी है तो आपको 60 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। यानी आपको 949 के शेयर के लिए 889 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से पेमेंट करना होगा।
आईपीओ में शेयर मिल गए तो क्या फायदा होगा?
एलआईसी के आईपीओ के ऑफर प्राइस बैंड 949 रुपये को देखें तो यह एंबेडेड वैल्यू प्रति शेयर के हिसाब से 1.1 गुना पर मिल रहा है। दूसरी निजी बीमा कंपनियों के औसल वैल्यूशन से तुलना करें तो एलआईसी के शेयर बहुत सस्ते करीब 60 फीसदी से ज्यादा कम में मिल रहे हैं। अगर ग्रे मार्केट यानी अनआर्थराइज ट्रेडिंग में दिख रहे 45 फीसदी प्रीमियम पर भरोसा करें तो एलआईसी के निवेशकों को इतना ही मुनाफा मिल सकता है। लेकिन जरूरी नहीं कि ग्रे मार्केट के संकेत सही साबित हो और जो प्रीमियम दिखाई दे रहा है वो सही साबित हो।
एलआईसी आईपीओ में कैसे कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
एलआईसी के आईपीओ में हिस्सा लेने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। प्रतिभागियों को अपने ऑनलाइन नेट-बैंकिंग खातों में लॉग-इन करना होगा। इसके बाद, निवेशकों को निवेश अनुभाग में जाना होगा और आईपीओ/ई-आईपीओ विकल्प पर क्लिक करना होगा। फिर निवेशकों को डिपॉजिटरी विवरण और बैंक खाते का विवरण भरना होगा। इन विवरणों को दर्ज करने के बाद, सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। सत्यापन प्रक्रिया के बाद, निवेशकों को "आईपीओ में निवेश" पर जाना होगा। निवेशकों को उस आईपीओ का चयन करना होगा जिसके लिए वे आवेदन करना चाहते हैं। निवेशकों को तब शेयरों की संख्या और "बोली मूल्य" दर्ज करने की आवश्यकता होती है। निवेशकों को कोई भी बोली लगाने से पहले "नियम और शर्तें" दस्तावेज़ को ध्यान से पढ़ना चाहिए। निवेशक तब "अभी आवेदन करें" पर क्लिक करके पुष्टि कर सकते हैं और अपना ऑर्डर दे सकते हैं।