आज का अमृत

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

आज का अमृत




गुरू आज्ञा माने नहीं, चले अटपटी चाल।
लोक वेद दोनो गए, आए सिर पर काल।।
“बुरा वक्त, कभी पूछकर नहीं आता”

किसी ऋषि ने अपने शिष्य को यह सीख दी कि मुसीबत चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, लेकिन भगवान पर भरोसा रखोगे तो कोई विपत्ति तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। एक दिन वह शिष्य जंगल से कहीं जा रहा था कि अचानक एक आदमी पागल हाथियों के इधर आने की बात कहते हुए भागता हुआ सा वहां से गुजरा। उसने ऋषि की बात याद की और सोचा कि मुझे भगवान पर पूरा विश्वास है, इसलिए कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
थोड़ी देर के बाद उसका यह विश्वास गुस्से का रूप लेकर अपने गुरु ऋषि के सामने खड़ा था क्योंकि जब पागल हाथी आया तो उसे धक्का देते हुए आगे बढ़ गया और गिरने से उसे थोड़ी चोट आ गई। उसने गुस्से में यह बात ऋषि को बताई और कहा कि भगवान पर विश्वास करने की उनकी बात गलत थी।
इसपर ऋषि ने मुस्कुराते हुए उससे कहा , “भगवान पर तुम्हें भरोसा था इसीलिए उसने तुम्हें आने वाले खतरे से आगाह किया, ताकि तुम उससे बचने के प्रयास करो। परंतु तुमने वो नहीं किया और अकर्मण्य हो गए। बावजूद इसके तुम्हारी जान बच गई और सिर्फ कुछ खरोंचे ही आईं, अगर प्रयास करते तो यह भी नहीं होता। यही भगवान पर भरोसे का अर्थ है।“
शिष्य को अपनी गलती का ज्ञान हुआ और समझ आया कि भगवान पर विश्वास का अर्थ कभी आलसी बनना नहीं होता। इसका अर्थ केवल यह है कि जिस किसी को भगवान पर भरोसा होता है उसे आने वाले खतरे का संकेत अवश्य मिलता है ताकि वह उससे बचने की तैयारी कर सके। अपने भक्तों को बचाने का यह भगवान का तरीका होता है। किंतु जो विश्वास के नाम पर कुछ करते नहीं, वो वास्तव में आलसी हैं और भगवान आलसियों की मदद नहीं करता।
इसलिए बुरे वक्त का संकेत मिलते ही भगवान से सही मार्ग दिखाने की प्रार्थना करते हुए उससे बचने के प्रयास करें। याद रखें कर्मठ इंसान के सामने प्रलय भी झुक जाता है..!!