क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

लखनऊ, राज्य ब्यूरो । बिजली कंपनियां जहां बढ़ते खर्चों के मद्देनजर मौजूदा बिजली दर में वृद्धि चाहती हैं वहीं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली की दरों में कमी की मांग की है।
दरों में कमी की मांग यूं ही नहीं बल्कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकलने वाले 22,045 करोड़ रुपये के एवज में एक वर्ष के लिए 35 प्रतिशत या फिर पांच वर्ष तक सात प्रतिशत दरें घटाने की बात कही जा रही है। इस संबंध में दायर याचिका पर पावर कारपोरेशन के जवाब के बाद उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में जवाब दाखिल किया है।दर घटाने संबंधी परिषद द्वारा पूर्व में दाखिल याचिका पर कारपोरेशन ने आयोग को जवाब दिया है कि परिषद ने 20,596 करोड़ रुपये की गणना का ब्योरा नहीं दिया है। इस मामले को लेकर कारपोरेशन ने अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल किया है।
ऐसे में आयोग ही उचित निर्णय लेना चाहे। इस पर आपत्ति उठाते हुए उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने अब ब्याज सहित उपभोक्ताओं के 22,045 करोड़ रुपये कंपनियों पर निकलने का पूरा ब्योरा आयोग में दाखिल किया है। वर्मा ने आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह से कहा कि ट्रिब्यूनल ने कोई स्टे आर्डर तो जारी नहीं किया है।
ऐसे में अगले पांच वर्षों के लिए उपभोक्ताओं की बिजली दर में सात प्रतिशत की कमी की जाए या फिर सभी उपभोक्ताओ की बिजली दरों में एक वित्तीय वर्ष के लिए 35 प्रतिशत की कमी की जाए। वर्मा का कहना है कि कारपोरेशन के जवाब में दम नहीं है इसलिए अब बिजली दर पर आयोग की सुनवाई के बाद दरों में कमी की उम्मीद बढ़ गई है।