निधि केसरवानी व विमल कुमार शर्मा बतौर जिलाधिकारी गाजियाबाद की अनियमितता के चलते दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में देरी हुई थी

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

स।पा सरकार के चहेते अफसरों ने पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट से खिलवाड़ किया

गाजियाबाद। निलंबित आइएएस निधि केसरवानी और भूमि अधिग्रहण के मामले में फंसे विमल कुमार शर्मा ने जिले में कार्यरत रहते हुए भूमि अधिग्रहण के कार्य में न केवल अनियमितता की बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से खिलवाड़ कर गए, दोनों अधिकारियों पर इस प्रोजेक्ट में आ रही रुकावट को दूर करने की जिम्मेदारी थी लेकिन दोनों अधिकारियों की वजह से अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बांटने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ और निर्माण कार्य बाधित हुआ।

निधि केसरवानी बतौर जिलाधिकारी गाजियाबाद में 20 जुलाई 2016 से 28 अप्रैल 2017 तक तैनात रहीं। वहीं विमल कुमार शर्मा 2014 से 2016 तक गाजियाबाद में जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहे। दोनों अधिकारियों की गिनती सपा सरकार के चहेते अफसरों में की जाती रही है।

दोनों को सपा सरकार के कार्यकाल में महत्वपूर्ण पदों पर और जिलों में तैनाती मिली। प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आईं 2004 बैच की मणिपुर कैडर की आइएएस अधिकारी निधि केसरवानी को दो साल प्रतिनियुक्ति विस्तार भी मिला था।

2020 में पूरा होना था डीएमई का निर्माण कार्य

2015 में एमओयू के मुताबिक, दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य दिसंबर 2020 में पूरा किया जाना था लेकिन मुआवजे को लेकर हुए विवाद के कारण चौथे चरण का कार्य समय पर शुरू नहीं कराया जा सका, जिस कारण प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो सका। वर्तमान में चिपियाना के पास निर्माण कार्य चल रहा है, मई 2022 के अंत तक डीएमई का कार्य समाप्त करने का दावा एनएचएआइ द्वारा किया गया है।

सभी दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

एनएच-24 का चौड़ीकरण कराने के लिए 12 साल तक संघर्ष करने वाले और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सड़क से लेकर संसद तक इस मामले को उठवाने में अहम रोल अदा कर चुके पार्षद एसके माहेश्वरी ने बताया कि एनएच-24 वर्तमान में एनएच-9 का चौड़ीकरण कराने और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य समय पर पूरा कराने के बजाय रुपये कमाने में अधिकारियों ने रूचि दिखाई। जिसका नतीजा सामने है, समय पर कार्य पूरा नहीं किया जा सका। इसमें सभी लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए, जो भी दोषी पाए जाएं। सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।