वर्चस्व की लड़ाई! क्या खत्म हो रहा अंबानी का क्रेज, दौलत के मामले में मस्क को पीछे छोड़ देंगे अडानी?

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

वर्चस्व की लड़ाई! क्या खत्म हो रहा अंबानी का क्रेज, दौलत के मामले में मस्क को पीछे छोड़ देंगे अडानी?

Prabhasakshi

भारतीय टाइकून मुकेश अंबानी और गौतम अडानी में रईसी की जबरदस्त रेस लगी है। इस वक्त सभी की निगाहें गौतम अडानी पर टिकी हैं। दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति अडानी ने इस साल अपनी संपत्ति में लगभग 30 अरब डॉलर का इजाफा किया है, जो किसी भी अन्य अरबपति से ज्यादा है।

दुनिया में अरबपतियों की लिस्ट में भारतीयों ने जमकर रंग बिखेरा है। बीते एक साल में न केवल भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में जबरदस्त इजाफा हुआ है बल्कि कुछ नए अरबपति भी इस लिस्ट में शामिल हुए हैं। लेकिन अगर मैं आपसे कहूं कि क्या भारत के उद्योगपति गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलेन मस्क को पछाड़कर पहले पायदान पर पहुंच सकते हैं? क्या गौतम अडानी का नेटवर्थ एलेन मस्क के मुकाबले ज्यादा तेजी से ग्रो कर रहा है। ऐसा कहने के पीछे की वजह है कि हाल ही में दौलत के मामले में अडानी ने बर्कशायर हैथवे के वॉरेन बफे को पीछे छोड़ दिया है। गौतम अडानी ने अपने नेटवर्थ में 49 बिलियन डॉलर को जोड़ कर अपना कुल नेटवर्थ 122.2 अरब डॉलर कर लिया था। दुनिया के 10 अमीर लोगों की सूची में भारतीयों की बात करे तो आठवें नंबर पर मुकेश अंबानी शामिल हैं। अंबानी की कुल नेटवर्थ 103.70 अरब डॉलर आंकी गई है।  भारतीय टाइकून मुकेश अंबानी  और गौतम अडानी में रईसी की जबरदस्त रेस लगी है। इस वक्त सभी की निगाहें गौतम अडानी पर टिकी हैं। दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति अडानी ने इस साल अपनी संपत्ति में लगभग 30 अरब डॉलर का इजाफा किया है, जो किसी भी अन्य अरबपति से ज्यादा है। उनकी 106 अरब डॉलर की कुल संपत्ति टेस्ला इंक के सह-संस्थापक एलोन मस्क की लगभग आधी है, लेकिन अंबानी की तुलना में 10 अरब डॉलर अधिक है। 

ग्रीन एनर्जी को लेकर कड़ी टक्कर

रिन्‍यूएबल ग्रीन एनर्जी को लेकर भारत के दो  अरबपति- मुकेश अंबानी और गौतम अडानी आमने-सामने हैं। कुछ दिन पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने तीन वर्ष में स्वच्छ ऊर्जा और हाइड्रोजन ईंधन में 75,000 करोड़ रुपये यानि 10 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की थी। इसको देखते हुए अब गौतम अडानी ने भी 20 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया था। निवेशक अडानी को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। 65 साल के मुकेश अंबानी की संपत्ति में साल 2020 कोविड 19 महामारी की मुश्किलों के दौरान 27 बिलियन डॉलर की बढोतरी हुई थी। कोरोना के दौरान फेसबुक के स्वामित्व वाले मार्क जुकरबर्ग ने अपने डि़जिटल बिजनेस के लिए अंबानी से संपर्क साधा और फिर सिल्वर लेक पार्टनर्स, केकेआर एंड कंपनी इंक और अन्य से अपनी रिटेल चेन ने अंबानी के साथ डील की। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि निवेशकों का जोश 24 जून को अपना 60वां जन्मदिन मनाने वाले गौतम अडानी में ट्रांसफर हो गया है। हाल ही में गौतम अडानी ने दुनिया की दिग्गज सीमेंट कंपनी होल्सिम लिमिटेड के साथ एक बड़ी डील की और 10.5 बिलियन डॉलर में इसका भारतीय कारोबार को खरीद लिया। 


पिछले एक साल में अडानी ने 17 अरब डॉलर खर्च किया

ब्लूमबर्ग न्यूज के अनुसार पिछले एक साल में अडानी ने 32 कंपनियों का अधिग्रहण किया है। जिसके लिए उन्होंने 17 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इस सिलसिले के अभी धीमा होने के कोई संकेत नहीं नजर आ रहे हैं। भले ही उनकी सूचीबद्ध कंपनियों में संयुक्त शुद्ध ऋण लगभग 20 अरब डॉलर या सालाना चार गुना से अधिक है। अंबानी के प्रमुख रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ इसकी तुलना करें तो इसका अनुमानित 13 बिलियन पर, इसका नियोजित वार्षिक पूंजीगत व्यय कम नहीं है। लेकिन भारत के दूरसंचार बाजार में प्रतिस्पर्धा कम होने के कारण अंबानी द्वारा बेचा जाने वाला डेटा महंगा हो गया है। भारत में उनके द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस की राज्य-अनिवार्य मूल्य सीमा में 62 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। दुनिया के सबसे बड़े जामनगर में उनके रिफाइनरी परिसर में ईंधन की कमी से मार्जिन बढ़ रहा है। फिच रेटिंग्स का कहना है कि यह सब इस वित्तीय वर्ष में रिलायंस के शुद्ध-ऋण-से-एबिटा को आरामदायक 0.7 पर रह सकता है, भारत के सरकारी ऋण से एक पायदान अधिक है। फिर भी अंबानी की बैलेंस शीट इक्विटी बाजार में आग नहीं लगा रही है। रिलायंस स्टॉक, जिसने 2020 में 12 महीने की कमाई को 29 गुना आगे बढ़ाया, अब 21 के गुणक पर उपलब्ध है। अडानी एंटरप्राइजेज में शेयर अब 124 के पीई अनुपात पर कारोबार कर रहा है। 

अडानी और मोदी का रिश्ता बेहद पुराना

अडानी और मोदी का रिश्ता दो दशक पुराना है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। जैसा कि 2002 के हिंदू-मुस्लिम दंगों के के बाद अन्य व्यापारिक नेताओं द्वारा मोदी से मुंह मोड़ा गया तो उस दौर में पहली पीढ़ी के गुजराती उद्यमी अडानी का उन्हें समर्थन मिला। अडानी ने कुछ साल पहले ही भारत के पश्चिमी तट पर बंदरगाह स्थापित किया था। अब वह भारत की बंदरगाह क्षमता का 24 प्रतिशत नियंत्रित करता है, और हवाई अड्डों पर भी ऐसा ही होने वाला है। शेयर बाजार इस बात की प्रशंसा करता है कि कैसे अडानी ने अर्थव्यवस्था के अन्य हिस्सों में परिवहन बुनियादी ढांचे पर अपनी पकड़ बढ़ा दी है। अडानी कोयला खनन, बिजली उत्पादन और वितरण, सिटी गैस, खाद्य तेल शोधन. फसलों से लेकर डेटा तक हर चीज का भंडारण और अब सीमेंट सभी सेक्टर में अपना दबदबा बना रहे हैं। 

महामारी के जाने के बाद ही अंबानी ने नया दांव खेलते हुए पेमेंट सर्विस में एंट्री लेने की योजना बना डाली। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज इंफीबीम एवेन्यू, फेसबुक और गूगल के साथ मिलकर पेमेंट सर्विस में आने की योजना बना रहा है। अगर रिलायंस का यह प्लान सफल हो जाता है तो वीजा और मास्टर कार्ड जैसी कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलना तय है। वहीं एशिया के सबसे अमीर कारोबारियों में से एक गौतम अडानी स्विट्जरलैंड की सीमेंट कंपनी होलसिम इंडिया का भारतीय कारोबार 10.5 अरब डॉलर में खरीदने का फैसला किया।