ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र को अदालत ने कमीशन से हटा दिया गया

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र हटाए गए। टीम के दो सदस्‍य विशाल सिंह और अजय प्रताप पुलिस सुरक्षा के साथ।

वाराणसी। ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र को अदालत ने कमीशन से हटा दिया गया है। अब विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करेंगे। उन्हें रिपोर्ट देने के लिए दो दिन का वक्त दिया गया है। इसके साथ ही वादी पक्ष की ओर से दाखिल एक प्रार्थना पत्र पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं करते हुए कल सुनवाई की बात कही है। इस प्रार्थना पत्र में वादी पक्ष ने तहखाने के एक कुछ हिस्सों में रखे मलबे को हटाने और एक बंद हिस्से की दीवार को तोड़कर फिर से सर्वे करने की मांग की थी।

16 मई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वीडियो और फोटोग्राफी पूरी होने के बाद एडवोकेट कमिश्नर को मंगलवार को रिपोर्ट अदालत मे में दाखिल करने का आदेश दिया था। इस पर विशेष एडवोकेट कमिश्रनर की ओर से एक प्रार्थना पत्र दिया अदालत में दिया गया था। इसमें यह कहा गया था कि यह स्पष्ट किया जाए कि सर्वे की रिपोर्ट कौन दाखिल करेगा। इस प्रार्थना पत्र पर बहस के दौरान मुस्लिम पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाया था। उनका कहना है कि उन्होंने एक बाहरी व्यक्ति को कार्यवाही में शामिल किया था जिसने कार्यवाही की गोपनीयता को भंग किया है। इसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने अजय मिश्र को हटा दिया। इसके बाद विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह रिपोर्ट दाखिल करेंगे।


विशाल सिंह ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन का वक्त मांगा था। उनका कहना था कि सर्वे के दौरान परिसर का मानचित्र भी वाराणसी विकास प्राधिकरण के दो कुशल ड्राफ्टमैन की इस काम को कर रहे हैं। इसमें थोड़ा वक्त लग रहा है। इस पर अदालत ने उन्हें रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन का वक्त दे दिया। वहीं वादी पक्ष की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए मंगवलार का समय तय किया है। बता दें कि ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में अदालत ने अजय मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। छह व सात मई को कार्यवाही के बाद अदालत ने 13 से 16 मई तक फिर से ज्ञानवापी परिसर में फोटो व वीडियोग्राफी करने 17 मई इसकी रिपोर्ट 17 देने को कहा था। इसके लिए एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्न के साथ विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल और सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिहं को नियुक्त किया था।

jagran

ज्ञानवापी मामले में अजय कुमार मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर के पद से से हटा दिया गया है। कमिशन के काम में रुचि नहीं लेने और मीडिया में सूचनाएं लीक करने के आरोप लगने के बाद उनपर यह कार्रवाई की गई है। अब विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इसके लिए दो दिन का समय दिया गया है। तालाब से मछली हटाने और दीवार गिराने वाली अर्जी पर बुधवार को फैसला होगा। कोर्ट ने कहा कि अब विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह 12 मई के बाद की कमिशन की कार्यवाही की रिपोर्ट स्वंय दाखिल करेंगे। सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह विशेष अधिवक्ता विशाल सिंह के निर्देशन में काम करेंगे। कोर्ट ने आगे कहा कि विशाल सिंह ने कहा है कि कमिशन रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम 2 दिन का समय लगेगा। इस प्रार्थनापत्र को स्वीकार किया जाता है और उन्हें 2 दिन का समय दिया जाता है।

वाराणसी की कोर्ट में ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर हो रही सुनवाई पूरी हो गई है। ज्ञानवापी सर्वे के दौरान एक शख्‍स को रोक दिया गया था। उन पर मीडिया में खबरें लीक करने का आरोप लगा था। आज उन्‍हें कैमरामैन का सहयोगी बताया गया। तीखी बहस के बाद वाराणसी कोर्ट में इस पर सुनवाई पूरी हो गई है। ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मीडिया में लीक हुई खबरों को लेकर भी वकीलों में तीखी बहस हुई। मीडिया में बयान देने को लेेकर प्रतिवादी के अधिवक्‍ता ने आपत्ति जताई। ज्ञानवापी मस्जिद के कोर्ट कमिश्‍नर के सर्वे की रिपोर्ट अदालत में पेश किए जाने को लेकर आज तीनों कोर्ट कमिश्‍नरों ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में समय बढ़ाने की अर्जी लगाई। इस बीच वादी की ओर से एक अर्जी दी गई शृंगार गौरी की ओर बंद दीवार हटाई जाए और नंदी के सामने बंद तहखाने के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्‍नर नियुक्‍त किया जाए।

दोनों पक्षों की ओर से काफी ऊंची आवाज में बहस हो रही है। प्रतिवादी अधिवक्ता ने आपत्ति जताईं कि बिना कोर्ट कमीशन की कार्यवाही पूरे हुए बगैर सील की कार्रवाई न्यायसंगत नहीं है। विपक्षी अधिवक्ता ने मांग की है कि बिना कार्यवाही की रिपोर्ट देखे सील हटाने का आदेश दिया जाए,जबकि वादी अधिवक्ता ने कहा कि जिसे विपक्षी अधिवक्ता द्वारा फव्वारा कहा जा रहा है, उसके नीचे लगे दरवाजे को खोलकर कमीशन की कार्यवाही करने के लिए अदालत आदेशित करे।

मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि फव्वारे को शिवलिंग बताकर पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है। इस पर मंगलवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्‍णु जैन ने कहा कि फव्वारे और शिवलिंग के बीच का अंतर हमें पता है। उन्‍होंने कहा कि फव्वारा यदि होगा तो नीचे पूरा सिस्‍टम होगा पानी के निकलने का, लेकिन जिस तरह से उसका शिवलिंग का आकार है। उसमें कुछ डंडियां डाली गई थीं पर वो ज्‍यादा अंदर तक गई नहीं, तो शिवलिंग खंडित हुआ या नहीं यह तो मैं अ‍भी बहुत पुख्‍ता तौर पर नहीं बता सकता, लेकिन मेरी और हिंदू पक्ष की नजर में वो एक शिवलिंग है।

मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे कोर्ट की गोपनीयता भंग हो

मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे कोर्ट की गोपनीयता भंग हो। मुझे विशाल जी के आरोप पर हटाया गया। कोर्ट के आदेश का मैं सम्मान करूंगा लेकिन इस बात का कष्ट हमेशा रहेगा कि विशाल जी ने अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ण करने के लिए मुझे नीचा दिखाया है।

-अजय कुमार मिश्रा, वाराणसी