क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
प्रकृति के तीन नियम
-शिव कुमार
🕉️प्रकृति का पहला नियम वो ये कि यदि खेतों में बीज न डाला जाए तो प्रकृति उसे घास फूस और झाड़ियों से भर देती है। ठीक उसी प्रकार से यदि दिमाग में अच्छे एवं सकारात्मक विचार न भरे जाएं तो बुरे एवं नकारात्मक विचार उसमें अपनी जगह बना लेते हैं।
🕉️प्रकृति का दूसरा नियम वो ये कि जिसके पास जो होता है, वो वही दूसरों को बाँटता है। जिसके पास सुख होता है, वो सुख बाँटता है। जिनके पास दुख होता है, वो दुख बाँटता है।जिसके पास ज्ञान होता है, वो ज्ञान बाँटता है।जिसके पास हास्य होता है, वो हास्य बाँटता है। जिसके पास क्रोध होता है, वो क्रोध बाँटता है। जिसके पास नफरत होती है वो नफरत बाँटता है और जिसके पास भ्रम होता है वो भ्रम फैलाता है।
🕉️प्रकृति का तीसरा नियम वो ये कि भोजन न पचने पर रोग बढ़ जाता है। ज्ञान न पचने पर प्रदर्शन बढ़ जाता है। पैसा न पचने पर अनाचार बढ़ जाता है। प्रशंसा न पचने पर अहंकार बढ़ जाता है। सुख न पचने पर पाप बढ़ जाता है। और सम्मान न पचने पर तामस बढ़ जाता है।
🕉️प्रकृति अपने आप में एक विश्वविद्यालय ही है। हमें प्रकृति की विभिन्न सीखों को जीवन में उतार कर अपने जीवन को खुशहाल, आनंदमय और श्रेष्ठ बनाने हेतु सतत प्रतिबद्ध होना चाहिए।