क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

गाजियाबाद। भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का पहला ट्रेनसेट बनकर तैयार हो गया है। यह इसी साल 7 मई को एनसीआरटीसी को सौंप दिया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि मेक इन इंडिया पहल के तहत यह ट्रैन पूरी तरह से देश में बनी है। ट्रेन का निर्माण गुजरात के सावली में स्थित एल्सटॉम के कारखाने में किया गया है।
गुजरात से गाजियाबाद पहुंचेंगे ट्रेन के कोच
एल्स्टॉम द्वारा ट्रेनों के कोचों को एनसीआरटीसी को सौंपने के बाद बड़े ट्रेलरों पर गाजियाबाद के दुहाई डिपो में लाया जाएगा। इन्हें बनाने में तेज गति से काम किया जा रहा है। आरआरटीएस कॉरिडोर के तहत ट्रेन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच परिचालन किया जाएगा। दुहाई डिपो में इन ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है।
रैपिड ट्रेनों को एनसीआरटीसी को सौंपने के लिए शनिवार को एल्स्टॉम (पहले बॉम्बार्डियर) के निर्माण संयंत्र में हैंडिंग ओवर समारोह का आयोजन किया जाएगा। जहां आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव की उपस्थिति में आरआरटीएस ट्रेनसेट की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंप दी जाएंगी।
भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेनों के इंटीरियर के साथ इसकी कम्यूटर-केंद्रित विशेषताओं का हाल ही में 16 मार्च को दुहाई डिपो में अनावरण किया गया था। आरआरटीएस ट्रेनों की 180 किमी/घंटे की डिजाइन स्पीड, 160 किमी/घंटे की ऑपरेशनल स्पीड और 100 किमी/घंटे की औसत स्पीड होगी। जो भारत की सबसे तेज ट्रेनें होंगी।
ये होंगी सुविधाएं और खासियत-
ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2x2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) और अन्य सुविधाएं होंगी।वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित एक कोच और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) का कोच होगा।
सावली में स्थित एलस्टॉम का मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कारों की डिलीवरी करेगा। इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय मेट्रो सेवाओं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं।
आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। ट्रेनों के आने के बाद इस साल के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर शुरुआती ट्रायल रन शुरू होने की उम्मीद है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है।
मुख्य बातें
आठ मार्च 2019 को आरआरटीएस कारिडोर का शिलान्यास किया गया।
जून 2019 में सिविल निर्माण का कार्य शुरू किया गया।
प्राथमिक खंड में सिविल का कार्य 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।
प्राथमिक खंड में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन होंगे।
एक कोच में 75 यात्री बैठकर सफर कर सकेंगे।
एक कोच में अधिकतम 400 यात्री सफर कर सकेंगे।
आपातकालीन स्थिति में रैपिड ट्रेन से मरीज को स्ट्रैचर पर अस्पताल ले जाया जा सकेगा।
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि रैपिड ट्रेन के स्टेशन से बाइक, कार, साइकिल किराये पर लेने के सुविधा होगी। आरआरटीएस कारिडोर के प्राथमिक खंड में सिविल का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। आखिरी स्पैन मंगलवार को स्थापित किया जाएगा। रैपिड ट्रेन के पांचों स्टेशन भी आकार लेने लगे हैं। तय समय पर ट्रेन का संचालन किया जाएगा।