बैंक खाता और कार्ड की जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए: अभय कुमार मिश्र, सीओ साइबर

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

बच्चों को भी साइबर अपराध के खतरों से करें सचेत: अभय

गाजियाबाद: बैंक खाता और कार्ड की जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। जागरूक लोग भी यह नियम अपने बच्चों पर लागू नहीं करते। इसीलिए साइबर अपराधियों ने अब उन बच्चों को निशाना बना रहे हैं, जो आनलाइन गेम खेलते हैं। गेम में लेवल पार कराने, गेम टूल खरीदने और विरोधी से आगे निकलने का झांसा देकर बच्चों को ठगा जा रहा है। अधिकांश बच्चे अपने माता या पिता के डेबिट कार्ड से पेटीएम के जरिए भुगतान कर रहे हैं। 

साइबर सेल पहुंचीं 20 शिकायत

सीओ साइबर अभय कुमार मिश्र ने बताया कि बच्चों को डेबिट या क्रेडिट कार्ड देते हैं तो उन्हें साइबर अपराध के प्रति भी सचेत करें। डेबिट कार्ड की गोपनीयता और जालसाजों के झांसे के बारे में भी बताएं। बीते दिनों अपराधियों ने एक बच्चे को बैटल गन खरीदने का झांसा दे 2.76 लाख रुपये ठग लिए थे। बच्चे को पिता के डेबिट कार्ड की जानकारी थी। अपने पेटीएम वालेट में कार्ड को जोड़कर वह भुगतान करता रहा। यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई मामले आ चुके हैं। अब तक ऐसी 20 शिकायतें आ चुकी हैं, जिनमें साइबर सेल आइपी एड्रेस के जरिए अपराधियों की पहचान में जुटी है। 

बच्चों को करते हैं ट्रैक

आनलाइन गेम खेलने वाले बच्चे इंटरनेट मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं और अपने गेम के बारे में पोस्ट करते रहते हैं। जालसाज ऐसे बच्चों की पहचान करते हैं और उन्हें ट्रैक करना शुरू करते हैं। पहले 500-1000 रुपये की रकम की मांग करते हैं और फिर बहाने बनाते-बनाते 10-15 बार पैसे अपने खाते में डलवाते हैं। मना करने पर अतिरिक्त पैसे रिफंड करने का झांसा देते हैं और बच्चा मना करता है तो पहले भेजे पूरे पैसे डूबने की चेतावनी दी जाती है। सीओ का कहना है कि आनलाइन गेम खेलने वाले बच्चों के अभिभावक विशेष सतर्कता बरतें।