क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

मेरठ। अवैध निर्माणों पर मेरठ विकास प्राधिकरण यानि एमडीए की ओर से अचानक ही बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से अवैध भवन निर्माता दहशत में हैं। कुकुरमुत्ते की तरह जिस प्राधिकरण ने पहले अवैध निर्माण होने दिया अब वही प्राधिकरण एक साथ 16 बुलडोजर लेकर निकल पड़ा है। वैसे तो शुरुआत बदमाशों-माफियाओं के अवैध निर्माणों से हुई थी लेकिन अब कोई भी अवैध निर्माण इसकी जद में आ रहा है। मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह की नाराजगी के बाद वे फाइलें खोली जा रही हैं जिन्हें अलमारी में बंद कर दिया गया था।
शनिवार को फैक्ट्री ध्वस्तीकरण सहित कई जगह हुई कार्रवाई
शनिवार को जोन-ए में गांव लिसाड़ी में बिजली बंबा बाईपास पर नीरज मित्तल की 740 वर्ग गज में फैक्ट्री के भवन को ध्वस्त किया गया। 10 फुट ऊंची बाउंड्रीवाल एवं गार्ड रूम को ध्वस्त कर दिया गया। जोन-बी में उल्देपुर रोड के निकट लावड रोड पर 4000 वर्ग गज क्षेत्रफल में विकसित की जा रही अवैध कालोनी का ध्वस्तीकरण किया गया। इसे जानी धनकड़ व राजीव त्यागी विकसित कर रहे थे। यहीं पर आस मोहम्मद द्वारा राजीव की फैक्ट्री के पास बाग के सामने लगभग 220 वर्ग गज क्षेत्रफल में बनाई गई सात दुकानों का ध्वस्तीकरण किया गया।
20,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में काटी जा रही थी अवैध कालोनी
खिर्वा रोड मेरठ पर लगभग 6000 वर्ग मीटर में अवैध रूप से विकसित की जा रही कालोनी का ध्वस्तीकरण किया गया। एनएच-58 केशव ढाबा के बराबर में योगीपुरम चौकी से पहले रूड़की रोड पर ग्रीनबेल्ट में लगभग 70 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में निर्मित दो दुकानों का ध्वस्तीकरण किया गया। जोन-सी में मेन भोला रोड पर त्रिवेणी एन्कलेव में मुकेश सैनी पुत्र गंगाराम द्वारा लगभग 90 वर्ग गज क्षेत्रफल में अवैध रूप से निर्मित की गई छह दुकानों को ध्वस्त किया गया। जोन-डी में ग्राम अलीपुर जिजमाना में मो आसिफ आदि द्वारा लगभग 20,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर कच्ची सड़क बनाकर अवैध कालोनी काटी जा रही थी। कच्ची सड़क को उखाड़कर बाउंड्रीवाल व साइट कार्यालय को ढहा दिया गया। गढ़ रोड पर ग्राम पंचगांव पट्टी निकट जाहरवीर मंदिर पर आनंद, कपिल आदि लगभग 3000 वर्ग मी क्षेत्रफल में अवैध कालोनी विकसित कर रहे थे। कालोनी में बुलडोजर चलाया गया। फूल बाग कालोनी (नाले के साथ) सूरजकुंड रोड पर विशाल शर्मा पुत्र अशोक शर्मा द्वारा लगभग-117 वर्ग मी पर भूतल पर एक हाल बनाकर नए पिलर बनाए जा रहे थे। हाल व कालमों के निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।