क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
तालिबान ने दावा किया कि पिछले महीने पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक की थी, जिसमें 40 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। जिसमें बच्चें भी शामिल थे। हालांकि पाकिस्तान इस बात को नहीं मान रहा था। लेकिन कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के इस एक कदम की वजह से दोनों दोस्त दुश्मन बन चुके हैं।
तालिबान टीटीपी के खिलाफ एक्शन नहीं ले रहा है और इससे पाकिस्तान खफा है। तालिबान शासन आने के बाद से ही अफगानिस्तान अर्थव्यवस्था के खराब दौर से गुजर रहा है इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में हमले भी देखने को मिले हैं। 29 अप्रैल को काबुल में सुन्नी मस्जिद में भीषण धमाके से 50 लोग मारे गए। इससे पहे भी मजार ए शरीफ में शिया मुस्लिम पर हुए हम हमले में कम से कम 9 लोग मारे गए थे। इन हमलों के पीछे आईएसआईएस का हाथ बताया जा रहा है। तालिबान सरकार ने न केवल आईएसआईएस से चुनौती मिल रही है बल्कि अहमद मसूद और पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व वाले नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट से भी चुनौती मिल रही है। आईएसआईएस के खिलाफ हक्कानी नेटवर्क एक्शन नहीं ले रहा है। जिसके पास अफगानिस्तान का गृह मंत्रालय है। हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान ने ही पाल रखा है।