क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
कड़वा सच !
बेरोजगारी का रोना रोने वाले हिंदुओं का नकारापन, जिसके लिए वे सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हैं ...
कल दोपहर Jio fiber ब्रॉडबैंड से लड़का आया कि सर जियो का wifi लगवा लो नाम था सुलेमान ! कल अमेजॉन की डिलीवरी देकर जो लड़का गया उसका नाम था आसिफ ! ओला की बुकिंग की तो ड्राइवर का नाम आया मोहम्मद इख़्तियार ! शाम को जिस फलवाले से फल खरीदे उसका साथी उसे अंसार भाई कह रहा था !
परसो ही AC की सर्विस करके शमशाद गया था ! जिस हेयर ड्रैसर से बाल कटवाते हैं उसका नाम शफ़ीक़ है ! घर के लोहे के गेट फ़िरोज़ ने बनाये है ! लकड़ी का सारा काम फारूक करके गया ! गाड़ी की सर्विस जावेद करता है ! सैमसंग की फुल्ली आटोमैटिक वाशिंग मशीन ख़रीदने पर कंपनी का जो इंजीनियर उसे इंस्टॉल करने आया उसका नाम मोहम्मद अख़्तर था !
लेकिन फेसबुक और ट्वीटर पर मुझे हिन्दू राष्ट्र चाहिए ! ऐसा हिन्दू राष्ट्र जिसका हिन्दू निठल्ला है उसे बस सरकारी नौकरी चाहिए ! बाप दादाओं के काम वो छोड़ चुका है क्यूंकि उसे वो ब्राह्मणवादी और सामंतवादी शोषण मानता है ! नाई, बढ़ई, लोहार, महतो, गडरिया सबकी आज की पीढ़ी को सरकारी नौकरी चाहिए नहीं तो बेरोज़गारी भत्ता दो !
बी ए एम ए की डिग्री लेकर घर पर रोटी तोड़ेंगे और ख़ाली घूमते हुए सरकार को कोसेंगे कि नौकरी नहीं दे रही ! लेकिन खुद कुछ काम नहीं करेंगे और अपना खानदानी जातिगत काम तो बिलकुल नहीं करेंगे ! हिन्दू नाई सरकार नौकरी मांगता घूम रहा है वहीं जावेद हबीब ने बाल काटने के अपने पुश्तैनी काम को बड़ी शान से आगे बढ़ाकर लाखों मुस्लिम युवाओं को रोज़गार दे दिया ! अपने पुश्तैनी हुनर (skill) के काम को छोड़ते भूलते जा रहे हैं हिन्दू भाई !
भाई जी ये कड़वा सच जिसे आज कोई समझने को तैयार नहीं है जो हमें ग़ुलामी की तरफ़ ले जा रहा है।