शिक्षा विभाग ने हाल ही में बालगणना शुरू कराई

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल का रास्ता दिखाएगा शिक्षा विभाग

मोदीनगर: किसी भी कारण से अब बच्चा पढ़ाई नहीं छोड़ सकता है। उसके अभिभावकों को भी अब ऐसा करने से रोका जाएगा। शिक्षा विभाग ने हाल ही में बालगणना शुरू कराई है। जिसमें घर घर जाकर छह से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों का रिकार्ड तैयार किया जाएगा। बच्चा कौन से स्कूल में पढ़ रहा है? यदि उसने पढ़ाई छोड़ दी है तो इसके पीछे क्या कारण रहा है? बच्चा शुरू से ही पढने नहीं जा रहा या फिर उसने बीच में पढाई छोड़ दी है? इन सभी बिदुओं पर सर्वे टीम काम कर रही है। खास बात यह है कि यदि बच्चे ने पढ़ाई छोड़ दी या फिर वह शुरू से ही पढ़ने नहीं जा रहा है, ऐसे बच्चे को चिन्हित किया जाएगा। बच्चे के साथ उसके अभिभावक को शिक्षा का महत्व समझाया जाएगा। भोजपुर के खंड शिक्षा अधिकारी जमुना प्रसाद ने बताया कि अभिभावकों को हर हाल में बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार किया जाएगा। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं रखा जा सकता।

 -इस बार बढा 20 फीसद लक्ष्य:सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधरा है। 


स्कूल की बिल्डिग के साथ उनमें सुविधाएं भी बढी है। यही वजह है कि बच्चों के साथ अभिभावकों की धारणा सरकारी स्कूलों के प्रति पहले की अपेक्षा बदली है। इनमें लगातार बच्चों की संख्या भी बढ रही है। भोजपुर ब्लाक की 47 ग्राम पंचायतों में 84 प्राथमिक, कंपोजिट व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें 14 हजार से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। खंड शिक्षा कार्यालय भोजपुर में कार्यरत पवन तिवारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों में दाखिले का इस बार 20 फीसद लक्ष्य और बढा दिया गया था।