क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
श्रीमद् भागवत कथा में सुनाया अजामिल व प्रहलाद का प्रसंग
श्रीमद् भागवत कथा में शुक्रवार को नरसी मेहता का प्रसंग सुनाया गया। कथा व्यास स्वामी गिरिराज किशोर भारद्वाज नरसी मेहता बेहद गरीब थे । उनके लिए भात भरना नामुमकिन था। लेकिन प्रभु श्रीकृष्ण के प्रिय भक्त थे। जब वह बेटी की ससुराल पहुंचे तो भात के नाम पर उनको अपमानित किया गया। उन्होंने अपना सब कुछ भगवान के चरणों में अर्पित कर दिया। प्रभु श्रीकृष्ण से अपनी भक्त की ऐसी दशा देखकर रहा नहीं गया। उन्होंने तुरंत एक सेठ बनकर उनकी बेटी का भात भरा। उनको बेटी की ससुराल से जो सामान की सूची दी गई थी तो उन्होंने उससे ज्यादा सामान देकर सबको अचंभित कर दिया। उनका भात राजा महाराजाओं से भी बढ़ के था। कथा व्यास के मुखारबिद से यह रोचक प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावुक हो गए। इसी बीच पंडाल में भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे लगने लगे और पंडाल व आसपास का माहौल भक्तिमय हो गया। इसके साथ ही कथा व्यास ने राजा बलि, राजा परीक्षित और श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग भी सुनाया। कथा व्यास ने कहा कि प्रभु का सच्चे दिल से जो भी स्मरण करता है उसके किसी भी काम में कभी रुकावट नहीं आती है। सच्चे दिल से की गई भक्ति कभी व्यर्थ नहीं जाती है। प्रभु की महिमा इतनी महान है कि वह आज भी अपने भक्त को दुखी नहीं देख सकते हैं। नरसी भात के प्रसंग के समापन के बाद आरती हुई, जिसमें आसपास के श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रभु को भोग लगाकर प्रसाद बांटा गया।