क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक जून को रामलला के जिस गर्भगृह का भूमिपूजन करेंगे, वह रामजन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर की तरह भव्यता का पर्याय होगा। अकेला गर्भगृह ही एक हजार वर्ग फीट का है। गर्भगृह अष्टकोणीय होगा और इसकी दीवारों पर वैदिक परंपरा के देवी-देवताओं सहित यक्ष-यक्षिणियों की मूर्तियां उत्कीर्ण होंगी।
गर्भगृह के सम्मुख क्रमश: विशालकाय होते तीन मंडप होंगे, जिन्हें मंदिर की परंपरा में जगमोहन कहा जाता है और वास्तु शास्त्र की दृष्टि से इन्हें कोली, नृत्य मंडप एवं रंग मंडप के नाम से जाना जाएगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल कहते हैं कि यह मंडप बहुत विस्तृत होगा और इसमें एक साथ 25 हजार श्रद्धालु बैठ सकेंगे। संपूर्ण मंदिर 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है। तीन तल का मंदिर में 392 स्तंभों से युक्त होगा। भूतल पर 166, प्रथम तल पर 144 तथा दूसरे तल पर 82 स्तंभ लगेंगे।
सात उप मंदिर भी निर्मित होंगे : मंदिर का परकोटा आठ एकड़ परिसर में विस्तृत होगा और इसमें राम मंदिर के प्रशस्त प्रदक्षिणा पथ के साथ सात उप मंदिरों का भी निर्माण होगा। इन मंदिरों में मां सीता, भगवान गणेश, महर्षि वाल्मीकि, गोस्वामी तुलसीदास, निषादराज, जटायु और शबरी का मंदिर होगा।
सांस्कृतिक उपनगरी के तौर पर विकसित होगा परिसर : आठ एकड़ के अलावा 75 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर का शेष हिस्सा सांस्कृतिक उपनगरी के तौर पर विकसित होगा। इसमें विशाल उद्यान, हनुमानजी की विशाल प्रतिमा, यज्ञ मंडप, वैदिक परंपरा पर केंद्रित शोध केंद्र, पुस्तकालय, मुक्ताकाशीय रंगमंच, विशाल भोजनालय, मंदिर आंदोलन के स्मारक आदि का संयोजन होगा।
तीर्थयात्रियों की सुविधा का व्यापक प्रबंध : प्रथम चरण के तहत मंदिर के प्रवेश मार्ग पर 25 हजार तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधा केंद्र बनाए जाने की तैयारी है। सुविधा केंद्र पर यात्री अपनी वस्तुएं रखकर रामलला का दर्शन कर सकेंगे। निर्माण की गति आगे बढऩे के साथ यात्री सुविधा केंद्र का विस्तार भी किया जाएगा।
दिसंबर 2023 तक मूल गर्भगृह में विराजेंगे रामलला : संपूर्ण मंदिर का निर्माण तो सन 2025 के अंत तक संभावित है, ङ्क्षकतु गर्भगृह और प्रथम तल के निर्माण के साथ रामलला मूल गर्भगृह में अगले वर्ष दिसंबर तक विराजमान किए जाएंगे। अभी रामलला वैैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान हैं।