क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
बगदाद की एक मस्जिद में बंद तिजोरी में सुंदर, व्यापक अरबी सुलेख में लिखी गई कुरान है, जो अगर स्याही के लिए नहीं है, तो इसे एक संग्रहालय में प्रदर्शित किया जा सकता है। लेकिन यह पवित्र ग्रंथ खून से लिखा गया था-सद्दाम हुसैन के खून से।
27 लीटर रक्त निकाला गया
बगदाद की एक मस्जिद में बंद तिजोरी में सुंदर, व्यापक अरबी सुलेख में लिखी गई कुरान है, जो अगर स्याही के लिए नहीं है, तो इसे एक संग्रहालय में प्रदर्शित किया जा सकता है। लेकिन यह पवित्र ग्रंथ खून से लिखा गया था-सद्दाम हुसैन के खून से। सद्दाम ने लगभग 27 लीटर रक्त निकाला और दो साल की अवधि में इसे लिखा था।
114 अध्यायों को 605 पन्नों में लिखवाया
सद्दाम हुसैन ने 1990 के दशक में अपने खून से कुरान लिखवाई थी। द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक सद्दाम ने अल्लाह के प्रति कृतज्ञता जताने के लिए कुरान के सभी 114 अध्यायों को 605 पन्नों में लिखवाया था। इन सभी 605 पन्नों को लोग देख सकें। इसके लिए इन्हें शीशे के केस में सजा कर रखा गया था।
ब्लड कुरान के नाम से है चर्चित
सद्दाम हुसैन की जीवनी लिखने वाले कॉन कफलिन ने भी ब्लड कुरान के बारे में लिखा है। ब्लड कुरान के नाम से चर्चित इस कुरान को बगदाद की एक मस्जिद में रखा गया था। 2006 में सद्दाम को फांसी दिए जाने के बाद से इस कुरान के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लग गई थी।