आगरा के ताजमहल के 22 कमरों को खोला जाए

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

अयोध्‍या में मिल्कीपुर के बहबरमऊ गांव के निवासी डा. रजनीश पेशे से हैं दंत चिकित्सक।

अयोध्या। ताजमहल के बंद 22 कमरों को खोलने की मांग करने वाले डा. रजनीश सिंह रामनगरी के निवासी हैं और मौजूदा समय में भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी भी हैं। उन्होंने उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में इसको लेकर याचिका दायर की है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। मिल्कीपुर तहसील के बहबरमऊ निवासी डा. रजनीश सिंह पहले भी ताजमहल के बंद कमरों को खोलने की मांग कर चुके हैं। उन्‍होंने मांग की है क‍ि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को निर्देश द‍िया जाए कि आगरा के ताजमहल के 22 कमरों को खोला जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वहां हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं या नहीं।



आरटीआई से मांगी थी जानकारी : 
वर्ष 2019 में उन्होेंने संस्कृति मंत्रालय से सूचना के अधिकार (आरटीआई) में यह पूछा था कि ताजमहल के इन कमरों को किन कारणों से बंद किया गया है। इसके बाद उनकी आरटीआई आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) को स्थानांतरित कर दी गई। एएसआई ने डा. सिंह को भेजे उत्तर में बताया कि कमरों को सुरक्षा कारणों से बंद किया गया है। इसके बाद उन्होंने दोबारा आरटीआई लगाई कि इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से बंद रखा गया है या अन्य किसी कारण। उन्हें फिर यह उत्तर दिया गया कि ताजमहल के 22 कमरे सुरक्षा कारणों से बंद किए गए हैं।

इसके बाद उन्होंने इन कमरों को खोलने व कमरों की जांच-पड़ताल करने की मांग की, लेकिन इसका कोई उत्तर नहीं मिला। अब उन्होंने इसी मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। पेशे से दंत चिकित्सक डा. रजनीश सिंह का कहना है कि बंद कमरे खुलने पर ही ताजमहल की वास्तविक सच्चाई सामने आएगी। इससे पहले अयोध्या के ही तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस आचार्य ताजमहल में शिवलिंग की स्थापना करने पर अड़े थे। उनका कहना है कि ताजमहल वास्तव में तेजो महालय नामक प्राचीन मंदिर है।