मंडलायुक्त प्रभात कुमार ने दोनों तत्कालीन जिलाधिकारी के साथ 12 के खिलाफ कार्रवाई के लिए की थी संस्तुति

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में जमीन अधिग्रहण के घोटाले की लियाकत ने खोली कलई















गाजियाबाद: भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले में मेरठ के तत्कालीन मंडलायुक्त प्रभात कुमार ने शासन को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा, निधि केसरवानी के साथ ही गाजियाबाद के तत्कालीन एसएसपी, तत्कालीन सीडीओ, तत्कालीन एसडीएम लोनी, तत्कालीन एसओ मसूरी की भूमिका को संदिग्ध बताया था। इसके साथ ही जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों सहित 12 के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी।

दरअसल, इस मामले में मंडलायुक्त ने शिकायत मिलने पर तत्कालीन जिलाधिकारी निधि केसरवानी को जांच कराने के निर्देश दिए थे। निधि केसरवानी ने जांच के लिए तत्कालीन सीडीओ की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की, जिसमें तत्कालीन एसडीएम लोनी सदस्य थे। मंडलायुक्त द्वारा भेजे गए पत्र में उनको बताया गया था कि सिर्फ मुआवजे को लेकर खुलवाए गए संयुक्त खातों के बारे में शिकायत सही पाई गई। इसमें एफआइआर दर्ज कराई गई। तत्कालीन एसएसपी से जांच कराने के लिए कहा गया, एसएसपी ने एसओ मसूरी से जांच कराई। एसओ ने अपनी जांच में बताया कि अर्जित भूमि का प्रतिकर राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा जांच करने के बाद राजस्व अभिलेखों में दर्ज व्यक्तियों को नियमानुसार दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिनके संयुक्त खाते खोले गए हैं, उन्होंने शपथ पत्र दिया कि कोई शिकायत नहीं है। एसएसपी ने शिकायतों को निराधार पाया, जिलाधिकारी निधि केसरवानी ने सभी शिकायतों को आधारहीन बताते हुए उन्हें निक्षेपित करने की संस्तुति की थी। जिस पर मंडलायुक्त ने लिखा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर हुए घोटाले में धनराशि हड़पने और उसकी बंदरबाट करने की इच्छा सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं दलालों में इतनी प्रबल थी कि शिकायतों में सच्चाई होने के बावजूद उसे निराधार बताया गया। जिसमें कि तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति एवं उसके सदस्य, तत्कालीन जिलाधिकारी, एसएसपी और एसओ की भूमिका संदिग्ध है। समिति की जांच आख्या सच्चाई के विपरीत है, संपूर्ण घोटाले को दबाने का प्रयास किया गया।

इनके खिलाफ हुई थी कार्रवाई की संस्तुति

.    घनश्याम सिंह, तत्कालीन अपर जिलाधिकारी भू अध्याप्ति संतोष कुमार, अमीन

. शिवांग राठौर, तत्कालीन एडीएम घनश्याम का पुत्र

. अमीन संतोष की पत्नी लोकेश बेनीवाल, उनके मामा रनवीर सिंह, मामा के पुत्र दीपक सिंह, मामा की पुत्रवधू दिव्या सिंह, दलाल इदरीश, शाहिद, शमीम खां, शाहिद पुत्र शमीम सहित अन्य

. तत्कालीन जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा , तत्कालीन जिलाधिकारी निधि केसरवानी

. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के संबंधित अधिकारी