पैसा दोगुना करने का झांसा देकर हजारों लोगों से करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

सोने के आनलाइन कारोबार का झांसा दे हजारों से 100 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश

गाजियाबाद : साइबर सेल ने सोने के आनलाइन कारोबार में निवेश कर पैसा दोगुना करने का झांसा देकर हजारों लोगों से करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो सगे भाई भी शामिल हैं। आरोपितों के कब्जे से 10 एटीएम व क्रेडिट कार्ड, दो पैन कार्ड, तीन आधार कार्ड, तीन मोबाइल, एक वोटर आइडी कार्ड, कार व अन्य सामान बरामद हुआ है। पुलिस के मुताबिक वर्ष 2015 से सक्रिय गिरोह लगातार ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। मध्यप्रदेश निवासी गिरोह के सरगना समेत तीन आरोपित अभी फरार हैं, पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।



साइबर सेल के नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि पिछले दिनों मधुबन बापूधाम थाने में एक सेवानिवृत इंजीनियर दीपेंद्र कुमार सिघल ने अपने साथ हुई 21.82 लाख रुपये की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि ठगों ने उनसे डाट गोल्ड नामक एप के जरिये सोने के व्यापार में पैसा लगवाया और 20 दिन में पैसा डबल करने का लालच देकर ठगी कर ली। छानबीन के बाद पुलिस ने उन्नाव निवासी अभिषेक रामदुलारे अग्निहोत्री, सीतापुर निवासी विवेक टंडन और उसके भाई विपुल टंडन को गिरफ्तार कर लिया। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि विवेक पूर्व में छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से इसी तरह की ठगी में जेल जा चुका है। वह बल्क में लोगों को डाट गोल्ड नाम की ट्रेडिग एप का लिक भेजते थे और जो झांसे में आ जाते थे, उनके मोबाइल में एप को डाउनलोड कराकर सोने की ट्रेडिग करने पर मोटे मुनाफे का लालच देते थे। वह उनसे फर्जी नाम से खोले गए बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करा लेते थे। आरोपित फर्जी नाम व पते पर बनवाए गए आधार कार्ड से बैंक खाते खुलवाते थे। अब तक जांच की जद में आए बैंक खातों में करीब 50 करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन मिली है। बैंक खातों में मिले 80 लाख रुपये पुलिस ने फ्रीज करा दिए हैं। आरोपित ठगी की रकम से बिटकाइन खरीदते थे।

कमीशन के जरिये संचालित हो रहा था गिरोह पुलिस के मुताबिक मध्यप्रदेश निवासी आशीष उर्फ अंकित रावत गिरोह का सरगना है। वह गिरोह में शामिल आरोपितों को 20 प्रतिशत कमीशन देकर गिरोह का संचालन कर रहा था। कमीशन के अलावा ठगी गई पूरी रकम को वह अपने पास ट्रांसफर करा लेता था।