क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
1 जून को 100 बच्चों को बांटा जाएगा पोषाहार
गाजियाबाद। आरएचएएम फाउंडेशन व रोटरी क्लब का टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लेना और उनको न्यूट्रिशन फूड बांटने का अभियान लगातार जारी है। इसी क्रम में सोमवार को साहिबाबाद स्वास्थ्य केंद्र पर 25 बच्चों को न्यूट्रिशन फूड बांटा गया। संतुलित आहार पाकर बच्चों के चेहरे खुशी से खिल गए। दरअसल, रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन, आरएचएएम फाउंडेशन और रोटरी क्लब की ओर गाजियाबाद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी से ग्रसित 500 बच्चों को गोद लिया गया है। जिन्हें न्यूट्रिशन फूड बांटने का अभियान जारी है। आरएचएएम फाउंडेशन के फाउंडर डॉ धीरज कुमार भार्गव ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए आरएचएएम फाउंडेशन, रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन, रोटरी क्लब ऑफ गाजियाबाद सेफरोन, रोटरी क्लब ऑफ इंदिरापुरम गैलोर, रोटरी क्लब ऑफ गाजियाबाद हेरिटेज और रोटरी क्लब ऑफ गाजियाबाद सेंट्रल सक्रियता से कार्य कर रहे हैं।
सभी रोटरी क्लबों के सहयोग से आरएचएएम फाउंडेशन ने साहिबाबाद के स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी से ग्रसित 25 बच्चों को न्यूट्रिशन फूड में हॉर्लिक्स, दाल, चना, दलिया, सोयाबीन, गुड, प्रोटीन और अन्य पौष्टिक भोजन बांटा गया। डॉ धीरज कुमार भार्गव ने बताया कि अब 1 जून को साहिबाबाद में 100 बच्चों को न्यूट्रिशन फूड बांटा जाएगा और पूरे महीने में 240 बच्चों को संतुलित आहार बांटने का लक्ष्य रखा गया है। मार्च से अभी तक 260 टीबी से ग्रसित बच्चों को संतुलित आहार बांटकर मदद की गई है। आरएचएएम फाउंडेशन व रोटरी क्लब की ओर से भोजपुर स्वास्थ्य केंद्र पर 60, डासना 25, साहिबाबाद 33, मुरादनगर 25, राजेंद्र नगर ईएसआई हॉस्पिटल राजेंद्र नगर-28, महाराजपुर 30 और पसौंडा में 35 टीबी से ग्रसित बच्चों को संतुलित आहार बांटा जा रहा है। रोटरी क्लब ऑफ गाजियाबाद सेफरोन की अध्यक्ष कुनिका भार्गव का कहना है कि टीबी से ग्रसित बच्चों की मदद के लिए उनका अभियान लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। यह माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है। क्षय रोग में फेफड़ों पर हमला होता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित करता है। हम जागरूकता और सकारात्मक नजरिए से इसे आसानी से हरा सकते हैं। टीबी की बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए न्यूट्रिशन फूड के साथ समय-समय पर जागरूक भी किया जा रहा है।