World Liver Day 2022: खाली पेट शराब पीना भी लिवर के ल‍िए घातक हो सकता है चाहे वह ब्रांडेड ही क्‍यों न हो

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

World Liver Day 2022: फैटी लिवर भी लिवर की परेशानी का बड़ा कारण।

लखनऊ। डाक्टर साहब, शराब तो पीता था लेकिन खाना नहीं खाता था, जिसके कारण शराब का असर लिवर पर पड़ गया... हालांकि ब्रांडेड पीता था, उससे तो लिवर नहीं खराब होता है। ...शराब कभी नहीं पिया, हां बियर जरूर पीता था बियर शराब नहीं होता है। लोगों में शराब को लेकर ऐसी ही तमाम भ्रांतियां हैं ।

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के उदर रोग विशेषज्ञ डा. आकाश माथुर कहते हैं कि बियर भी शराब की ही श्रेणी में आती है। उससे भी लिवर में परेशानी होती है। इसी तरह खाली पेट शराब पीना, या ब्रांडेड शराब भी लिवर सिरोसिस का कारण बन सकते हैं। शराब के कारण लगभग 40 फीसद लोगों में लिवर सिरोसिस की समस्या पाई जाती है। शराब से दूरी बनाने के जरूरत है।

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के विशेषज्ञ डा. अनिल कुमार गंगवार कहते हैं कि फैटी लिवर भी लिवर में बीमारी का एक बड़ा कारण है। इसके लिए मोटापे पर नियंत्रण जरूरी है। हर दसवें व्यक्ति का पेट सीने से बाहर मिलेगा। इसको नियंत्रित करना जरूरी है। इसके लिए नियमित व्यायाम और खान-पान पर नियंत्रण शामिल होना आपके अपने हाथ में है। वहीं, हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण का इलाज है जिससे काफी लोगों का लिवर बच जाता है। हेपेटाइटिस बी का टीका जरूर लेना चाहिए।

क्या है लिवर सिरोसिस : लिवर सिरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपका लीवर धीरे-धीरे खराब होने लगता है। इसके लक्षण देर से नजर आते हैं। लिवर खराब होने के सबसे बड़े कारणों में लंबे समय से शराब की लत और हेपेटाइटिस है। लीवर सिरोसिस को लीवर के फाइब्रोसिस के रूप में जाना जाता है।

यह परेशानी तो तुरंत ले सलाह 

  • त्वचा और आंखों के पीला होने की वजह से पीलिया हो जाता है। शरीर का पीला रंग लीवर द्वारा स्रावित बाइल पिगमेंट के कारण होता है।
  • पेट में द्रव जमा होना। पेट कड़ा और सूजा हुआ दिखता है।
  • पैरों या टखनों में सूजन आना । एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन में उत्पादन में कमी के कारण पैरों और टखनों में सूजन आ जाती है।
  • खून बहना या चोट लगना। हल्की सी ठोकर या किसी वजह से ज्यादा चोट लग जाए या खून बहने लगता है।
  • बिना किसी एक्सरसाइज और डाइटिंग के बाद भी वजन कम होना।