पिताजी पिताजी एक बात पूछूँ?

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

पिताजी पिताजी एक बात पूछूँ?

बेटा-पिता जी, पिता जी एक बात पूछूँ?

पिताजी-हाँ हाँ बेटा पूछो पूछो।

बेटा-पिता जी क्या आपने सुना है कि पिछले दिनों एक मुर्तजा नामक आई.आई.टी ग्रैजुएट नवयुवक ने गोरखनाथ मंदिर में एक धारदार हथियार से हमला करने की कोशिश की। और उसको धर दबोच लिया गया।

पिताजी-हाँ बेटा इस शर्मनाक कांड ने सबको हैरान कर दिया। अपने दिल दिमाग़ में नफरत लिए वह नवयुवक हिन्दू विरोधी नारे लगाकर उस मंदिर में घुसकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को मारने का मंसूबा लेकर वहाँ गया था।


बेटा-पिताजी पुलिस की जाँच में यह भी सामने आया है कि इस युवक के लैपटॉप में देशद्रोही डाक्टर जाकिर नायक के अनेक जहरीले भाषण वाले वीडियो मिले हैं। यह मुस्लिम युवक जाकिर नाइक के विचारों से बहुत प्रेरित है। यह वही देशद्रोही जाकिर नाइक है जो मुसलमानों को कुरान के सूरा नंबर 6 आयत नंबर 5 के हवाले से उस आयत का उल्लेख कर मुसलमानों को भड़काता है जिसमें कहा गया है कि ‘जहाँ कहीं भी काफिरों को पाओ उनका कत्ल करो।’ शायद इस नफरत वाली स्पीच का मुर्तज़ा ने अनुसरण किया है।

  पिता जी बहुत हैरानी होती है जब मैं इस नाइक जैसे देशद्रोही का समर्थन दिग्विजय सिंह जैसे अनेक काँग्रेसी नेताओं को करता देखता हूँ।

पिताजी-हाँ बेटा यह बात सही है उसकी अभी विस्तृत जाँच चल रही है पूरी जाँच के बाद इस षड्यंत्र का खुलासा होगा। इधर मुर्तजा के पिता का यह कहना है की उसका बेटा दिमागी तौर पर बीमार है। उसके दिमाग का संतुलन ठीक न होने के कारण उसने यह दुस्साहस किया है।

बेटा-पिताजी, उसके पिता के इस कुतर्क का समर्थन अखिलेश यादव जी ने भी किया है। ताकि वह मुसलमानों को खुश कर सकें।

पिताजी-हाँ बेटा अब पूरी सच्चाई तो जाँच में ही निकल कर आएगी कि वह वास्तव में कोई मानसिक रोगी है या उसने नफरत के चलते यह कदम उठाया है।

बेटा- पिताजी मैं उन सभी लोगों से यह पूछना चाहता हूँ जो मुर्तज़ा को मानसिक रूप से रोगी मानते हैं। सोचने वाली बात है कि अगर वह सचमुच मानसिक रोगी है तो उसने हमला अपने घर में, अपने आस-पड़ोस में या अपने   घर के आसपास के किसी मंदिर, मस्जिद या किसी गुरुद्वारे पर क्यों नहीं किया? उसको हिंदू विरोधी नारे लगाने की समझ किसने दी? उस पढ़े-लिखे नौजवान के लैपटॉप में देशद्रोही जाकिर नायक के नफरत भरे वीडियो क्यों मिले? पिताजी बहुत दुख होता है उन लोगों की मानसिकता पर जो ढोंगी सेकुलर का पाठ पढ़ाते हैं हिंदुओं को टारगेट करते हैं, मुसलमानों के दोषों को छुपाने की कोशिश करते हैं। मैं देख रहा हूं कि किसी भी मुस्लिम नेता ने इस कांड की भर्त्सना या निंदा नहीं की आखिर क्यों? मेरे हिसाब से तो मानसिक रोगी वो लोग हैं जो मुर्तज़ा को मानसिक रोगी साबित करने में लगे हैं।

पिताजी-चल चुप हो जा जब देखो बक बक करता रहता है।


अमित अरोरा
, इम्पाला, मोदीनगर। 9758857300