स्टेट पैरा चैंपियनशिप में लगातार पांच बार चैंपियन

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

14 साल बिस्तर पर रहे प्रदीप यादव ने पैरा नेशनल चैंपियनशिप में यूपी को दिलाया स्वर्ण पदक

गाजियाबाद। मुरादनगर के गांव सुठारी में एक किसान परिवार में पैदा हुए प्रदीप यादव शरीर के किसी भी हिस्से से लाचार लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। एक घटना के बाद पेट के नीचे का हिस्सा बेजान हुआ और वह 14 वर्ष बिस्तर पर रहे। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पैरा खिलाड़ियों को देश विदेश में खेलते और जीतते हुए देखा।

खेल के प्रति जुनून और कुछ कर गुजरने के जज्बे से आज वह जैवलिन थ्रो में नेशनल चैंपियन बनकर उभरे हैं। ओडिसा के कलिंगा स्टेडियम भुवनेश्वर में आयोजित 20वीं पैरा नेशनल चैंपियनशिप में प्रदीप यादव ने 54.75 मीटर भाला फेंकते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यूपी को दूसरा पदक मेरठ के अनमोल ने जीता, जिन्हें रजत पदक मिला।

खेलों के सफर और कठिन परिश्रम के बाद मिली कामयाबी को साझा किया। बताते हैं कि बीते चार वर्षां की मेहनत लगातार रंग ला रही है। वह जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में करीब दो दर्जन से अधिक पदक जीत चुके हैं। आर्थिक रूप से कमजोर प्रदीप के माता-पिता अपने पुत्र के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। वह स्टेट पैरा चैंपियनशिप में लगातार पांच बार चैंपियन हैं।


हादसे के बाद लंबे समय रहे बिस्तर पर

यह घटना 12 अप्रैल 2003 की है, जब एक गोली कांड में प्रदीप यादव को रीड की हड्डी में गोली लगी। उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। वह करीब 14 वर्ष तक बिस्तर पर रहे। मोदीनगर में जैवलिन थ्रो के प्रशिक्षक कृष्ण पालीवाल से जैवलिन का अभ्यास लिया। खेल के प्रति लगन और समर्पण को देखते हुए खेल प्रशिक्षक ने भी मन से सिखाया, जिससे प्रदीप एक कामयाब जैवलिन थ्रोअर हैं।


उपलब्धियां दरकिनार, हाथ खाली

प्रदीप यादव के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। वह पैरा स्टेट चैंपियनशिप में वर्ष 2017 से लगातार चैंपियन है। नेशनल में दो रजत और एक स्वर्ण पदक के अलावा इंटरनेशन प्रति स्पर्धा में प्रतिभाग करने के बाद भी शासन-प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है। वह हाल ही में पैरा ओलंपिक में भाग ले चुके रंजीत भाटी के साथ हरियाणा के फरीदाबाद खेल परिसर सेक्टर 12 में रहकर अभ्यास करते हैं।