हस्तिनापुर में उत्खनन जारी, अलंकृत स्तंभ पिलर में लगने वाला सजावटी हिस्सा मिला

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

हस्तिनापुर में जल्द ही उत्खनन वाली साइट को आम लोगों को देखने के लिए खोला जाएगा।

हस्तिनापुर के पांडव टीला पर उत्खनन जारी

मेरठ। हस्तिनापुर के पांडव टीला पर दो माह से चल रहे उत्खनन को अध्ययन कार्य के लिए बंद किया जा रहा है। फिलहाल एक साइट पर कार्य बंद रहेगा जबकि दूसरी साइट पर सफाई का कार्य जारी रहेगा। जल्द ही उत्खनन वाली साइट को आम लोगों को देखने के लिए खोला जाएगा।


ब्लाक के चारों ओर लगेगी ग्रिल

सोमवार को मुख्य ब्लाक पर उत्खनन कार्य को रोक दिया गया है। अब इस ब्लाक के चारों ओर ग्रिल लगाई जाएगी। जैसे ही ग्रिल लगाने का कार्य पूर्ण होगा, उत्खनन वाले स्थल को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद डा. डीबी गड़नायक के निर्देशन में पांडव टीला पर दो स्थानों पर उत्खनन शुरू हुआ था। इस दौरान काफी प्राचीन अवशेष प्राप्त हुए हैं। दस मीटर की गहराई तक किए गए उत्खनन में धूसर चित्रित मृदभांड से लेकर मध्यकाल की संस्कृति का जमाव पाया गया है। छह स्तर में मिट्टी के गोलाकार आकृति से लेकर पक्के निर्माण भी प्राप्त हुए हैं। मिट्टी के घर लगभग साढ़े तीन हजार साल पुराने प्रतीत होते हैं जबकि पक्के निर्माण लगभग ढाई हजार वर्ष से मध्यवर्ती काल तक के हैं।

धार्मिक अनुष्ठान का केंद्र रहा होगा यह स्‍थल 

उत्खनन में ब्लाक से अलंकृत स्तंभ, पिलर में लगने वाला सजावटी हिस्सा मिला। एक कुंड में भारी मात्रा में हड्डियां प्राप्त हुई हैं। डा. गड़नायक का कहना है कि यह स्थान पौराणिक संस्कृति का केंद्र रहा होगा। यहां मंदिर होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। आसपास की गतिविधियां देखने से लगता है कि यहां पर धार्मिक अनुष्ठान होते रहे होगे। डा. गड़नायक का कहना है फिलहाल उत्खनन कार्य धीमी गति से किया जाएगा। मुख्य साइट पर अब तक हुई खोदाई का अध्ययन किया जाएगा।