जीआरपी ने ट्रेनों में यात्रियों की जेब काटने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

यात्री की जेब काटने से पहले बदमाश इन्हीं दोनों शब्दों का प्रयोग कर अपने साथियों को जेब काटने का इशारा करते हैं। जेब काटने वालों को मशीन और रेकी करने वालों को ठेक कहते हैं।

जीआरपी ने पकड़े अंतरराज्यीय गिरोह 'ठेक दो' के पांच बदमाश

गाजियाबाद। जीआरपी ने ट्रेनों में यात्रियों की जेब काटने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। यह अंतरराज्यीय गिरोह है, जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात और राजस्थान में सैकड़ों वारदात को अंजाम दे चुका है। गिरोह को ठेक दो नाम दिया गया है, क्योंकि यात्री की जेब काटने से पहले बदमाश इन्हीं दोनों शब्दों का प्रयोग कर अपने साथियों को जेब काटने का इशारा करते हैं। जेब काटने वालों को मशीन और रेकी करने वालों को ठेक कहते हैं।


दर्ज हैं 50 से अधिक केस

जीआरपी सीओ सुदेश गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित दिल्ली के भजनपुरा निवासी मोहम्मद आजाद, खजूरी खास निवासी दिलशाद, प्रतापनगर निवासी सचिन, बुलंदशहर के जहांगीराबाद निवासी आरिफ और करावलनगर निवासी दीपक हैं। इनसे चोरी के आठ मोबाइल, 74 हजार रुपये और गहनों के साथ कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

सीओ ने बताया कि पांचों पेशेवर अपराधी हैं और इनके खिलाफ छह राज्यों के अलग-अलग थानों में 52 मुकदमे दर्ज हैं। बरामद सामान के आधार पर जीआरपी ने गाजियाबाद की पांच और बरेली जीआरपी थाना में दर्ज एक वारदात का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह जेब काटने के साथ मोबाइल व बैग भी चोरी करता है। आरोपितों ने 11 जुलाई 2021 को लखनऊ मेल में सवार हिमांशु का बैग चोरी कर लिया था और 19 नवंबर को हापुड़ स्टेशन पर रेशु गुप्ता के साथ वारदात की थी।

कोडवर्ड में करते हैं बात

ट्रेन में चढ़ने के बाद बदमाश एक-एक कोच में घूमकर रेकी करते हैं। दीपक और दिलशाद मशीन हैं, यानी ये सिर्फ जेब काटते हैं और चोरी के माल में बाकी तीनों से दोगुना हिस्सा मशीन को मिलता है। बाकी तीनों को ठेक कहते हैं, जो रेकी करते हैं और जेब काटने के दौरान उसे कवर देते हैं ताकि कोई और न देख पाए।

वारदात के बाद पांचों एक साथ दूसरे डिब्बे में चले जाते हैं या ट्रेन धीमी हो तो उतर जाते हैं। वारदात के दौरान बदमाश आपस में माश आपस में बातचीत के लिए इन्हीं कोडवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। टारगेट चह्नित करने के बाद 'ठेक दो' कहकर जेब काटने का इशारा करते हैं।