केंद्र सरकार के छह सदस्यी टीम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117

केंद्र सरकार की टीम ने लिया स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा।

गाजियाबाद। शुक्रवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भेजी गई छह सदस्यीय केंद्रीय टीम ने जिले में पांच स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। इनमें अंधता निवारण, बहरापन, मानसिक रोग नियंत्रण, कुष्ठ रोग और बुजुर्ग बीमार लोगों की बेहतर देखभाल करने की सेवाएं शामिल हैं।

उपनिदेशक अनिल कुमार के नेतृत्व में सबसे पहले यह टीम संजय नगर स्थित सीएमओ कार्यालय में पहुंची और जहां पर जिले में संचालित स्वास्थ्य विभाग की कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की गई। इसके बाद सीएचसी डासना का निरीक्षण किया और फिर नजदीकी गांव नाहल में पहुंचकर गांव के लोगों की सेहत की देखभाल किए जाने का बारीकी से निरीक्षण किया गया।

दोपहर को टीम ने आइडीएसपी स्थित राष्ट्रीय मानसिक रोग नियंत्रण अभियान को लेकर संचालित केंद्र का भी निरीक्षण किया। कुष्ठ रोग नियंत्रण के लिए संचालित ओपीडी का भी जायजा लिया। टीम ने कम सुनने वाले वाले बच्चों को दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनाने से पूर्व की जाने वाली जांच को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों से कई सवाल किए गए।

कुछ मशीन न होने पर उन्होंने भारत सरकार को रिपोर्ट भेजने की बात कही। जिला सर्विलांस अधिकारी आरके गुप्ता ने बताया कि टीम में शामिल एडीजी स्वास्थ्य डा. गौरी सेन गुप्ता, डा. रिंकू, डा. रश्मि शुक्ला, डा. सुनील भारती शामिल थे। उनके मुताबिक पांच स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए गाजियाबाद जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन करने की तैयारी के क्रम में यह निरीक्षण किया गया है। जल्द ही टीम फिर से आ सकती है।

निरीक्षण के दौरान डा. मनोज कुमार चतुर्वेदी, डा. अनिल विश्वकर्मा, डा. दिनेश मोहन सक्सैना, डा. साकेतनाथ तिवारी, डा. विश्राम सिंह, डा. भारत भूषण और डा. किरण गर्ग मौजूद रहीं।

टीम द्वारा अधिकारियों को दिए गए निर्देश

बुजुर्गों को ओपीडी की लाइन से अलग वरीयता के आधार पर देखना चाहिए।

बच्चों में बढ़ते बहरेपन को कम करने के लिए जांच और सर्वे बढ़ाया जाए।

मानसिक रोगियों की काउंसिलिंग बेहतर की जाए।

कुष्ठ रोगियों की देखभाल ठीक से की जाए।

कल-परसों ही बनाया है वार्ड

मानसिक रोगियों को भर्ती करने के लिए आनन-फानन बनाए गए वार्ड का निरीक्षण करने के बाद डा. गौरी सेन गुप्ता ने अधिकारियों से सवाल किया कि क्या यह वार्ड कल-परसों में ही बनाया गया है। दरअसल बेड पर नई चादर बिछी हुई थी और एक भी मरीज वहां भर्ती नहीं मिला। उपकरण भी कम मिले। अटेंडेंट नदारद रहने पर उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को फटकार भी लगाई।