क्लूटाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141
हमने वक्त से कहा......
यदि आँसुओं की बरसात देखने का मन है
तो हमारे पास आना कहीं ओर ना जाना
हमने पतझड़ से कहा
यदि बागों को वीरान करने का मन है
तो हमारी जिन्दगी में आना उन्हें महकने दो
हमने दुख के पहाड़ से कहा
यदि कहीं भी टूटने को आपका मन है
तो हम पर टूटना सबको मुस्कराने दो
और जब सामना मौत से हुआ
तो उसे कहा
हमें गले लगा कर मेरे अपनों को जीने दो
हाँ सबकी बलाएँ हमें देकर उन्हें बेखबर रहने दो।
अनिला सिंह आर्या