शक्ति धाम मंदिर की दूर-दूर तक मान्‍यता

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

Shri Shakti Dham temple मेरठ में श्री शक्ति धाम मंदिर की काफी मान्‍यता है।

मेरठ। Shri Shakti Dham temple मेरठ में श्री शक्ति धाम मंदिर, लालकुर्ती मुख्यमार्ग से मंदिर डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है। माल रोड से भी मंदिर सहजता से पहुंचा जा सकता है। नवरात्र पर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।

यह है मंदिर का इतिहास

शक्ति धाम मंदिर का वर्तमान स्वरूप 24 अक्टूबर 1989 में जीर्णोद्धार के बाद अस्तित्व में आया था। इसके पहले यहां पर एक छोटा मंदिर हुआ करता था। धवल संगमरमर से निर्मित शेर पर आरूढ़ अष्ट भुजी देवी की मूर्ति के दर्शन मात्र से श्रद्धालु दिव्य भाव से ओतप्रोत हो जाते हैं। मंदिर का शिखर 30 फुट ऊंचा है। मंदिर में विशाल सत्संग हाल है, जहां 500 से 600 भक्तों के बैठने की व्यवस्था है।

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विशेषता

देवी के दर्शन से हर भक्त को अलग अनुभूति होती है। वर्ष के दोनों नवरात्र में मंदिर में नगर संकीर्तन यात्रा निकाली जाती है। प्रतिदिन रात आठ से 10 बजे सत्संग होता है। जिसमें दूर-दूर से लोग आते हैं। देवी का भव्य सिंगार होता है। प्रत्येक रविवार और गुरुवार को भी मंदिर में ध्यान और संकीर्तन होता है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा रजबन में वृद्धाश्रम संचालित किया जा रहा है।

इनका कहना है

मंदिर सिद्ध स्थल है। सेवादार आस्था भाव से देवी दरबार की सेवा करते हैं। दुखों का निवारण करने के लिए लोग प्रार्थना करते हैं। सामूहिक प्रार्थना, नाम-जप और जरूरतमंदों की सेवा से देवी प्रसन्न होती हैं।

- नीरज मणि ऋषि जी, अध्यक्ष, मंदिर ट्रस्ट

मंदिर में अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाता है। हर कार्यक्रम निश्चित समय पर होता है। स्थापना से ही मंदिर से जुड़ा हुआ हूं। देवी की भक्ति और कृपा बनी रहे, यही कामना है।

- शांतानंद, भक्त

देवी चंद्रघंटा का पूजन किया

मेरठ : भक्तों ने सोमवार को देवी चंद्रघंटा की पूजा की। लालकुर्ती रामा संकीर्तन मंदिर भक्तों ने देवी का गुणगान किया। शाम को शक्तिधाम मंदिर में ऋषि नीरज मणि ने प्रवचन किया। कहा सूक्ष्म अहंकार दलदल के समान है। उसे निकालने के लिए दलदल के बाहर रहने वाला व्यक्ति ही निकाल सकता है। अर्थात अहंकार को त्याग चुके संत महात्मा ही बेड़ा पार लगाते हैं। नाम सिमरन कर ही साधक आत्म ज्ञान प्राप्त करता है। सत्संग कक्ष श्रद्धालुओं से भरा रहा।