क्लू टाइम्स। मोदीनगर, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, 9837117141
गाजियाबाद। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में जनपद गाजियाबाद में कृषक उत्पादक संघो की जिला स्तरीय निगरानी समिति की समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में उन्होंने कृषक उत्पादक संगठनों का गठन करने, उनको पर्याप्त बाजार एवं बैंको से जोडने, पर्याप्त हैंड होल्डिंग एवं व्यवसायिक सहयोग प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि जिले में 09 कृषक उत्पादक संघों का गठन किया जा चुका है तथा 01 कृषक उत्पादक संघ के गठन की प्रक्रिया जारी है। इनमें से 07 एफपीओ जिले में पिछले 02 वर्षों के दौरान बनाये गये है तथा पिछले वर्ष के दौरान 03 एफपीओ का गठन किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में जिले में न केवल नये एफपीओ के गठन पर जोर दिया जा रहा है, बल्कि उन्हे संधारणीय (सस्टेनेबल) बनाने के लिये गहन प्रयास किये जा रहे है। जिले में गठित कृषक उत्पादक संघो (एफपीओ) को आगे बढानें के लिए प्रशिक्षण, उच्च कोटि के कृषि संस्थानों का दौरा एवं सरकार की विभिन्न योजनाओ से जोड़ा जा रहा है। गाजियाबाद के इंविक्ट्स कृषक उत्पादक संघ, जिसे माननीय मुख्यमंत्री द्वारा भी पुरुस्कृत किया गया है, को राज्य सरकार द्वारा फार्म मशीनरी बैंक के अतिरिक्त बीज विधायन सन्यंत्र के लिये रु0- 60.0 लाख का अनुदान दिया गया है। यह जिले का पहला बीज विधायन सन्यंत्र है, जो कि शीघ्र ही शुरु हो जायेगा। इसी प्रकार अन्य एफपीओ को भी विभिन्न योजनाओं से जोडा गया है। मुख्य विकास अधिकारी ने कृषक उत्पादक संघो को बैंको से जोड़ने के लिये विशेष जोर दिया ताकि वो अपना व्यवसाय बढा सके। उन्होने कृषक उत्पादक संघो को प्रत्यक्ष तौर पर बजार से जोड़ने के लिये सचिव मंडी परिषद को मंडी मे उन्हें स्थान (दुकान) उप्लब्ध कराने का निर्देश दिए तथा कृषि विभाग द्वारा एफपीओ को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। उनके द्वारा कृषक उत्पादक संघो को आगे बढाने के लिये सभी विभागो को समन्व्य में काम करने के लिये कहा गया ताकि कृषक उत्पादक संघो को उपजएकत्रीकरण, मूल्य संवर्धन और बाज़ार में उपज का बेहतर मूल्य उपलब्ध करवाया जा सके साथ ही एफपीओ के सदस्यों को बीज, उर्वरक आदि जैसे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन आदान (इंपुट) कम मूल्य पर उपलब्ध कराये जा सके। उन्होने कृषि अवसंरचना निधि (ऐआईएफ) के अंतर्गरत जिले में प्रगति की भी समीक्षा की। कृषि अवसंरचना निधि ब्याज माफी तथा ऋण गारंटी के जरिये फसल उपरांत प्रबंधन अवसंरचना एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यावहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्यम दीर्घकालिक कर्ज वित्त पोषण सुविधा है। इस योजना के तहत 03 प्रतिशत प्रति वर्ष की ऋण माफी तथा 02 करोड़ रूपये तक ऋण के लिए सीजीटीएमएसई स्कीम के तहत ऋण गारंटी कवरेज़ के साथ ऋण के रूप में बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा 01 लाख करोड़ रूपये उपलब्ध कराये जायेंगे। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कृषि क्षेत्र मे दीघ्रकालीन ऋण की महत्वता को रेखांकित करते हुए कृषि अवसंरचना निधि (ऐआईएफ) का लाभ कृषक उत्पादक संघो को भी दिलाने के लिये प्रयास करने के लिये कहा। उन्होने कृषक उत्पादक संघो से भी चर्चा की तथा उनकी समस्याओ एवं आवश्यकताओं को सुना। उन्होने एफपीओ के कार्यकलापों में आने वाली कठिनाइयों को भी दूर किए जाने के लिये जनपदस्तरीय समिति के सभी विभागीय सदस्यों को आवश्यक कदम उठाने के लिये निर्देशित किया। बैठक के दौरान उप निदेषक वीरेंद्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी डा0 मनवीर सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला उधान अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उधोग केंद्र, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक, सचिव मण्डी परिषद, सहायक निबंधक सहकारिता अग्रणी जिला प्रबंधक जिला सहकारी बैंक के उपमहाप्रबंधक एवं जिले में गठित की गयी विभिन्न एफपीओ के सदस्य उपस्थित रहे।