मां गंगा हमारी समाजिक आस्था हैं:योगी आदित्यनाथ

 क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 983711714

सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में गंगा यात्रा कार्यक्रम में कहा मां गंगा हमारी समाजिक आस्था हैं।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज से जुड़े किसी भी काम में सरकार आगे और समाज पीछे रहे तो सफलता की गुंजाइश कम हो जाती है। जब समाज आगे-आगे चलता है और सरकार पीछे से सहयोग करती है तो वह काम सफल हो ही जाता है। नदियों की निर्मलता के लिए भी समाज की अगुआई जरूरी है।

देवा रोड स्थित एक विद्यालय में आयोजित गंगा समग्र संस्था के राष्ट्रीय कार्यकर्ता संगम (अधिवेशन) के समापन में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा भारतवर्ष की संस्कृति हैं। दुनिया की हर संस्कृति का उद्भव व विकास किसी न किसी नदी के तट पर हुआ है। भारतीय संस्कृति के लिए गंगा एक नदी नहीं, दैवीय विभूति हैं। गंगा के प्रति हमारी आस्था की वजह सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है। गंगा ने भारत के बड़े भू-भाग को उर्वरा बनाया है। वह लाखों वर्ग किलोमीटर भूमि में बसे लोगों को जीवन देती हैं।

उन्होंने कहा कि गंगा निर्मल और अविरल बनें, इसके लिए प्रधानमंत्री ने नमामि गंगे परियोजना शुरू की। गंगा एक्शन प्लान के तहत 1986 में चार राज्यों (उत्तराखंड बनने के कारण अब पांच ) में गंगा को साफ करने के लिए अभियान शुरू किया गया। इसमें भारी धन खर्च हुआ, लेकिन नतीजा अच्छा नहीं निकला। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद जब इसका मूल्यांकन किया गया तो पता चला कि गंगा पहले से ज्यादा गंदी हो गईं थी। सबसे ज्यादा खराब स्थिति कानपुर में थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले प्रयागराज कुंभ में दशकों बाद श्रद्धालुओं को निर्मल जल मिला था। पहले जल स्नान के लायक भी नहीं था, आज इसे आचमन भी कर सकते हैं। सरकार गंगा की दशा सुधारने की मुहिम में सभी सहायक नदियों को भी शामिल करेगी। उन्होंने समाज से अपील की कि अंतिम संस्कार में जल प्रवाह विधि त्यागकर दाह संस्कार को ही प्राथमिकता दें। इसके लिए सभी 75 जिलों में गंगा समितियों का गठन किया है।

इससे पहले जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि गंगा समग्र की दस साल की तपस्या और अनुभव गंगा को अविरल और निर्मल बनाने में सरकार के लिए मददगार होगा। साथ ही स्वच्छ पेयजल मिशन के लिए उपयोगी भी। केन बेतवा नदी जोड़ों परियोजना को भी गति मिलेगी।

प्राकृतिक संसाधनों को ठीक करना होगा : उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि यदि मां गंगा न होतीं तो हमारा अस्तित्व ही न होता। प्राकृतिक संसाधन हमने ही नष्ट किए हैं और अब हमारी ही जिम्मेदारी है कि इन्हें ठीक किया जाए। गंगा समग्र संस्था इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

राज-समाज जुड़ें तभी बचेंगी नदी : गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष ने कहा कि राज और समाज के जुड़ने से ही गंगा साफ होंगी। इसके साथ ही जरूरी है कि जल तीर्थों को जीवित प्राणी की मान्यता मिले। नदियों के परिसीमन के साथ-साथ किनारों का क्षेत्रफल निकालकर हद तय की जाए। इसका हिसाब भी रखा जाए। उन्होंने कहा कि नदियों और दूसरे जल तीर्थों का मूल गुणधर्म बचाए रखने के लिए जरूरी न्यूनतम जल उन्हें हर हाल में दिया जाए।