क्लू टाइम्स। मोदीनगर, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, 9837117141
साहित्य मंच मोदीनगर की काव्य गोष्ठी श्री डाॅ हरिदत्त गौतम के आवास, कृष्णानगर में आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता डाॅ. श्री सुरेन्द्र सिंह अत्रीश जी ने तथा संचालन श्री जगवीर सिंह शर्मा 'जलज' ने किया।
गोष्ठी का आरम्भ डी एस राजपूत ब्रजकण जी की माॅ सरस्वती वंदना से हुआ।
कपिल वैरागी, बलवीर खिचड़ी की रचना को सराहना मिली।
कवि श्री प्रदीप भारद्वाज ने
आतंकियों की क्रूरता पर पढ़ी गई रचना को मुक्त कंठ से सराहना मिली-
वह शहर किसने जलाया, यह ज्ञान होना चाहिए।
आग किस किस ने लगाई, पहचान होना चाहिए।
चाकू छुरे बन्दूक पत्थर किस सियासत ने दिये।
उन मौत के आकाओं पर संधान होना चाहिए।।
कवि श्री रवीन्द्र शर्मा ने पढा-
गिरिगिट सोच रहा अपना नाम बदलने की।
बहुरंगी राजनीतिक चौसर के रंग देखकर।।
कवयित्री पुष्पा शर्मा की रचना को खूब दाद मिली जब उन्होने पढ़ा-
होली आई रंग रंगीली, मुझको आकर तंग करे।
एक हाथ में हो पिचकारी, और दूजे में रंग भरे।।
डी एस राजपूत ब्रजकण ने
ब्रज की गलियन में गीत पढ़कर समा बाॅधा।
श्री राम कुमार गुप्ता 'सौमित्र' ने होली का संदेश देते हुए कहा-
हटा मुखौटे गले मिलें हम, मिल जुल गावें टोली में।
खुशियों की सौगात बाँट दें, दीन दुखी की झोली में।।
सरस्वती शिशु मन्दिर के प्रधानाचार्य श्री जगवीर शर्मा 'जलज' जी ने तालियों के बीच होली की मस्ती जोगी रा.. सा.. रा...रा...शीर्षक से रचना खूब जमी। एक अन्य मुक्तक में उन्होंने कहा-
जीवन में रंग भरे, मन में उमंग भरे,
पुष्प की तरह सदा यूं ही मुस्काइये।
रुके नहीं कोई काम, हरि को करो प्रणाम,
भाग्य वाली तस्वीर कर्म की सजाइये।।
डाॅ हरिदत्त गौतम अमर
ने अपने रचना पाठ में गोष्ठी की महफ़िल ही लूट ली।
नववर्ष व वसंत आगमन की रचना के आनन्द से गोष्ठी का वातावरण आच्छादित हो गया। कान्हा की होली की रचना में तो गोष्ठी सराबोर हो गई।
अन्त में डाॅ सुरेन्द्र सिंह अत्रीश जी ने अध्यक्षीय रचना पाठ करके गोष्ठी का गरिमामयी समापन किया।
कार्यक्रम में श्रीमती शशि गौतम, श्रीमती अनिला आर्य, श्री श्रद्धानंद शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही।