संविधान के निर्माण से जुड़ी कुछ तथ्यों को जानना जरूरी

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

वरिष्ठ पत्रकार व मौलिक भारत से जुड़े Umesh chaturvedi की वाल से -


आज बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती है...उन्हें ही संविधान के जनक के तौर पर स्वीकार कर लिया गया है....लेकिन संविधान के निर्माण से जुड़ी कुछ तथ्यों को जानना जरूरी है...

• संविधान का मूल प्रारूप (ड्राफ्ट) बेनेगल नरसिंह राव ने तैयार किया था..इसकी जिम्मेदारी उन्हें 1944 में ही पंडित नेहरू और सरदार पटेल ने दी थी..कांग्रेस के खर्चे पर उन्होंने 1946 तक दुनिया के कई देशों का दौरा किया और साठ देशों के संविधानों का अध्ययन किया..

• बेनेगल नरसिंह राव ने जो संविधान तैयार किया था, उसमें 243 अनुच्छेद और आठ अनुसूचियां थीं..

• बेनेगल नरसिंह राव ने संविधान का प्रारूप नव मानववाद के प्रवर्तक मानवेंद्र नाथ रॉय के आधार संविधान पर आधारित रहा...जिसे उन्होंने 1944 में तैयार किया था..

• संविधान सभा के गठन के बाद एक प्रारूप समिति बनी, जिसके प्रमुख बाबा साहब अंबेडकर थे....

• संविधानसभा की प्रारूप समिति के अन्य सदस्य थे अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर...वे नेल्लोर के एक पुजारी के बेटे थे और मद्रास प्रांत के महाधिवक्ता रह चुके थे..

• संविधानसभा की प्रारूप समिति के दूसरे सदस्य थे कन्हैया लाल माणिकलाल मुंशी, भारतीय विद्याभवन के संस्थापक, तत्कालीन मुंबई प्रांत के बड़े स्वाधीनता सेनानी और हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी के जाने-माने लेखक। 

• प्रारूप समिति के तीसरे सदस्य थे असम निवासी मोहम्मद सादुल्ला..जो बाद में असम के मुख्यमंत्री भी रहे..

• प्रारूप समिति के चौथे सदस्य थे एन माधवराव. आंध्र निवासी माधव राव बड़े वकील थे और मैसूर राज्य के दीवान रहे..

• प्रारूप समिति के पांचवें सदस्य थे, टीटी कृष्णामाचारी, जो वित्त मामलों के जानकार रहे..बाद में उन्हें नेहरू मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री बनाया गया..उनके ही वित्त मंत्री रहते मूंदड़ा कांड हुआ था, जिसमें उन्हें इस्तीफा देना पड़ा..

• प्रारूप समिति के छठवें सदस्य थे एन गोपालसामी अयंगार...संविधानसभा की तमाम बहसों में उनका योगदान बहुत गंभीरता से दिखता है...वे कानूनी मामलों के गहरे जानकार थे..उन्हें कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने अपना दीवान भी बनाया था..आजादी के बाद अयंगार देश के रक्षा मंत्री भी रहे..

• प्रारूप समिति के कुछ समय तक जाने-माने कानूनविद् देवी प्रसाद खेतान भी रहे.. उन्हें अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश बनाया गया..

• हकीकत में इसी समिति ने संविधान सभा के सम्मुख हर अनुच्छेद और अनुसूची को बहस के लिए प्रस्तुत किया.. संविधान सभा की मंजूरी और संशोधनों के बाद संविधान में जो कुछ भी जोड़ा या घटाया गया, उसे सहज और कानूनी ढंग से एसएन मुखर्जी ने लिखा...

• संविधान सभा ने प्रारूप समिति द्वारा तैयार संविधान के प्रारूप में 2473 संशोधन मंजूर किए, जिसके बाद बेनेगल नरसिंहराव के संविधान के प्रारूप के 243 अनुच्छेदों की जगह 395 अनुच्छेद हो गए..हालांकि अनुसूचियां आठ ही रहीं..

• भारत की आजादी के लिए 1942 का भारत छोड़ो महत्वपूर्ण बिंदु है...लेकिन प्रारूप समिति में एक भी सदस्य 42 के आंदोलन का सेनानी नहीं था..मोहम्मद सादुल्ला उन दिनों मुस्लिम लीग में थे और वह इस आंदोलन से दूर थी..कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी तब गांधी जी से सहमत नहीं थे, लिहाजा वे आंदोलन के दौरान चुप रहे..

• इन तथ्यों के आलोक में तय कीजिए कि संविधान का निर्माता असल में कौन था...