सेब की हरनाम-99 किस्म, उत्पादन अब शामली में होगा

क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

हिमाचल की सेब की हरनाम-99 किस्म है, जो अधिक तापमान वाले क्षेत्रों के लिए ही है।

शामली। शामली गन्ना बेल्ट है और अधिकांश किसान गन्ने की खेती करते हैं। अगर कहें कि कश्मीर और हिमाचल में जिस सेब का उत्पादन होता है, उसका उत्पादन अब शामली में होगा तो थोड़ा अजीब लग सकता है। लेकिन ऐसा होने जा रहे हैं।

खेड़ीकरमू निवासी किसान यादवेंद्र सिंह ने प्रयोग किया है और सेब के कुछ पौधे लगाए थे। प्रयोग सफल रहा है और अब इन पर फल बनने लगा है। यादवेंद्र युवा हैं और खेती में प्रयोग करते रहते हैं। बुलंदशहर से बीटेक की पढ़ाई थी और करीब सात वर्ष से खेती ही संभाल रहे हैं। गन्ने का बीज भी तैयार करते हैं। इसके अलावा केले, नींबू, अमरूद, एप्पल बेरी का उत्पादन भी करते हैं। इनके साथ विभिन्न सहफसली भी लेते हैं।

करीब चार वर्ष पूर्व वह राजस्थान के सीकर गए थे और वहां पर उन्होंने सेब का बगीचा देखा था। दरअसल, सेब की फसल बर्फीली इलाकों में ही होती है, लेकिन राजस्थान में बगीचा देखकर वह इसके बारे में पूरी जानकारी लेकर आए थे। यादवेंद्र ने बताया कि हिमाचल की सेब की हरनाम-99 किस्म है, जो अधिक तापमान वाले क्षेत्रों के लिए ही है। हिमाचल से इस किस्म के सेब के छह पौधे लेकर आए थे। इनमें तीन पौधे अच्छी तरह से पनप गए हैं और अब सेब आने लगा है। जून के अंत तक फल पूरी तरह तैयार हो जाएगा। प्रयोग करीब-करीब सफल हुआ है और अनुभव भी मिला है। आगे यह भी पता चलेगा कि कितना उत्पादन रहेगा, स्वाद कैसा होगा और सेब की गुणवत्ता क्या रहेगी। आने वाले समय में सेब का बगीचा लगाया जाएगा। कुछ कमियां रहेंगी तो सीकर जाकर और जानकारी ली जाएगी। इस प्रजाति का पौधा 48 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी आसानी से पनप जाता है। चार साल में फल मिलने लगता है।

किसान देखने आते हैं प्रयोग: यादवेंद्र सिंह के खेती में किए जाने वाले प्रयोग को देखने के लिए क्षेत्र के किसान भी आते हैं। सेब के बारे में भी जानकारी लेते हैं। यादवेंद्र सिंह किसानों को सहफसली के लिए प्रेरित करते हैं। उनका मानना है कि सहफसली के उत्पादन से पूरी फसल का खर्च निकल जाता है।