क्लू टाइम्स, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता। 9837117141

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Akshaya Tritiya 2022: इन दिनों भगवान विष्णु का प्रिय महीना वैशाख चल रहा है। वैशाख महीने को धर्म, तप, यज्ञ और स्नान-दान के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। श्रीहरि की पूजा, गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान-दान का कई अधिक फल मिलता है। इस महीने पड़ने वाले मुख्य त्योहारों में से एक अक्षय तृतीया है। पुराणों के मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठें अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम जी का जन्म महर्षि जमदग्नि और माता रेनुका के जन्म हुआ था। इस तिथि पर भगवान परशुराम की पूजा भी की जाती है।
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का काफी महत्व है। अक्षय तृतीया का पावन पर्व वैशाख के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। कई जगहों पर इसे आखातीज के नाम से भी मनाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया का पावन पर्व 3 मई 2022 मंगलवार को है।
अक्षय तृतीया पर ऐसे करें पूजा
अक्षय तृतीया के दिन व्रत रखें। सूर्योदय से पहले स्नान कर लें। फिर पीले कपड़े पहने। घर के मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान को पीले फूल और तुलसी अर्पित करें। अब दीप और अगरबत्ती जलाकर आसन पर बैठे। विष्णु चालीसा या विष्णु सहस्तरनाम का पाठ करें। आखिर में श्रीहरि की आरती करें।
अक्षय तृतीया पर पूजा मंत्र
ऊँ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।।
अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त देखे किए जाते हैं सभी शुभ काम
अक्षय तृतीया के महात्म्य को इसी से समझा जा सकता है कि इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ कार्य किया जा सकता है। अगर किसी कार्य को करने का मुहूर्त नहीं निकल पा रहा है तो अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त के ही वो कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। खासतौर पर विवाह आदि मांगलिक कार्य इस दिन बिना मुहूर्त के भी किए जाते हैं।
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना होता है शुभ
अक्षय तृतीया के दिन सभी तरह के शुभ कार्य संपन्न किए जाते हैं। इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों, मकान, वाहन आदि की खरीददारी कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया गए पुण्य कार्यों का मिलता है विशेष फल
मान्यता के मुताबिक इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का विशेष फल मिलता है। ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक इस दिन पितरों को किया गया तर्पण और पिंडदान फलदायक होती है। इस दिन पितृ श्राद्ध करने का भी विधान माना गया है। अक्षय तृतीया को गेहूं, चना, दूध से बने पदार्थ आदी सामग्रियों को दान कर ब्राह्मणों को भोज कराने की भी परंपरा है।
पवित्र नदियों में स्नान समस्त दुखों से मिलता है छुटकारा
कहा जाता है कि इस पवित्र नदियों में स्नान मात्र से मानव को समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है। इस दिन गंगा स्नान की विशेष मान्यता है। पुराणों में कहा गया है कि जो व्यक्ति अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान करता है वह सारे पापों से मुक्त हो जाता है।