जिले से चयनित कुल 25 विद्यार्थी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ
परीक्षा पे चर्चा: गाजियाबाद की रोशनी ने पीएम मोदी से किया संवाद


क्लू टाइम्स। मोदीनगर, सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, 9837117141


गाजियाबाद ।
 दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में राजकीय कन्या इंटर कालेज विजय नगर की छात्रा रोशनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद का मौका मिला। जिले से चयनित कुल 25 विद्यार्थी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे थे। सभी बच्चों को परीक्षा के दौरान तनावमुक्त रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

जिले भर के विभिन्न विद्यालयों में प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यार्थियों को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम दिखाया गया। इसके अलावा बच्चों व अभिभावकों ने घर पर रहकर टीवी व मोबाइल के माध्यम से कार्यक्रम देखा। जिले की कार्यक्रम समन्वयक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुशलिया तनुजा शर्मा ने बताया कि जिले से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 25 विद्यार्थियों का चयन किया गया था।

इनमें 10 छात्राएं राजकीय कन्या इंटर कालेज विजय नगर से, नौ विद्यार्थी राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुशलिया से और छह विद्यार्थी राजकीय इंटर कालेज नंदग्राम से तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में भेजे गए। 25 में से राजकीय इंटर कालेज विजय नगर से 11 वीं की छात्रा रोशनी को प्रधानमंत्री से सवाल करने का मौका मिला। दीपक कुमार की बेटी रोशनी आदर्श कालोनी की रहने वाली हैं।

प्रधानमंत्री से किया सवाल

रोशनी ने प्रधानमंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि मुझे आश्चर्य है कि क्या छात्र परीक्षा से डरते हैं या अपने माता पिता शिक्षकों से, क्या हमें परीक्षा को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए? जैसे हमारे माता-पिता और शिक्षक हमसे उम्मीद करते हैं या त्योहार की परीक्षा का आनंद लें? इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अभिभावक जो जीवन में करना चाहते थे जो उनके सपने थे, उन अधूरे सपनों को पूरा करने का बोझ अपने बच्चों पर हावी न होने दें। सपनों का थोपना बच्चों के विकास में बाधक है। बच्चों की शक्ति एवं साम‌र्थ्य को पहचानें। बच्चों के लिए कहा कि प्रेशर के बीच भी उन चीजों को स्वीकार करना है जो हमारे अंदर हैं। उन्होंने धरती पर बीज बोने पर विभिन्न तरह के पौधे उगने का उदाहरण देते हुए कहा कि धैर्य रखते हुए वह अपनी आंतरिक क्षमता एवं रुचि को पहचानें और इस पर काम करें।