राई-नमक से कुदृष्टि उतारने की पद्धति

 राई-नमक से कुदृष्टि उतारने की पद्धति


‘कुदृष्टि उतारने हेतु प्रयुक्त घटक में रज-तमात्मक तरंगें आकर्षित कर, उन्हें घनीभूत कर, उनका उच्चाटन करने की क्षमता होनी आवश्यक है, तब ही यह उपाय प्रभावकारी होता है । 

मुख्यरूप से राई-नमक, नमक-सूखी लाल मिर्च, राई-नमक-सूखी लाल मिर्च, नींबू तथा कच्चा नारियल आदि घटकों से कुदृष्टि उतारते हैं । प्रायः कार्य की गति बढाने के लिए दो घटकों का संयोजन किया जाता है । राई, नमक, सूखी लाल मिर्च और नारियल आदि घटक अपने गुणधर्म के कारण रज-तमात्मक तरंगें स्वयं में घनीभूत कर उन्हें संग्रहित करने का सामर्थ्य दर्शाते हैं । इसलिए इन घटकों का उपयोग विशेषरूप से किया जाता है ।

१. नमक और राई एकत्रित

 नमक और राई की सहायता से कुदृष्टि उतारने पर स्थूलदेह पर आया रज-तमात्मक आवरण नमक की सहायता से खींचकर राई में गतिमान तरंगों की सहायता से घनीभूत कर, तत्पश्चात अग्नि में जलाकर नष्ट कर दिया जाता है । स्थूलदेह पर आया आवरण नष्ट हो जाने से कुदृष्टि उतारने के पश्चात शरीर में हलकापन अनुभव होता है तथा शरीर के सुन्न होने की मात्रा भी घट जाती है ।