चीन में आने वाले हफ्तों में स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत ज्यादा दबाव बढ़ सकता है। पिछले 10 हफ्तों में चीन में 14000 से भी अधिक मामले सामने आ गए हैं और इसमें ओमिक्रोन के केस सबसे ज्यादा हैं। चीन को इस कारण कई शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ गया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कोरोना के केस इतने बढ़ गए है कि अब लोगों को टेस्टिंग की मारामारी से जूझना पड़ा रहा है। सरकार द्वारा जीरो कोविड पॉलिसी के कारण लोगों को क्वारंटीन में रहना पड़ रहा है। अस्पतालों में बेड की कमी होती जा रही है। चीन के सबसे ज्यादा प्रभावित शहर जिलिन में अस्पतालों में लोगों के क्वारंटीन होने के लिए जगह तक नहीं है। ऐसे में लोगों को क्वारंटीन करने के लिए अस्थाई अस्पताल बनाए जा रहे हैं। हालात इतवने बेकार है कि, कोरोना को रोकने के लिए उपलब्ध मेडिकल सप्लाई सिर्फ 2-3 बची है।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर चेन झेंगमिन ने कहा है कि, आने वाले दिनों में प्रतिबंध और सख्त किए जाएंगे जिससे पता चलेगा कि क्या यह संक्रमण को रोकने के लिए काफी है या नहीं। बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच बताया जा रहा है कि चीन में बुजुर्गों को बूस्टर डोज लगाई ही नहीं गई है। आपको बता दें कि, कोरोना के कारण चीन के कई शहरों में लॉकडाउन लगाए गए है। देश के 1.7 करोड़ आबादी वाले शेनजेन में लोगों को सख्ती से कहा गया है कि, घर का केवल एक सदस्य ही घर का जरूरी सामान लाने बाहर निकलेगा।