राम राम जी एक विचार ये भी:अरविन्द भाई ओझा

 राम राम जी एक विचार ये भी: अरविन्द भाई ओझा

आपको होली की शुभकामनाएं
बधाई

नारायण भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में बिठाते हुए होलिका के मन में कुछ इसी प्रकार के विचार होंगे तभी तो होलिका मैया की जय कहकर उसकी राख को अंग पर लगाते हैं ।
सुनहु पवनसुत रहनि हमारी। जिमि दसनन्हि महुँ जीभ बिचारी।।
तात कबहुँ मोहि जानि अनाथा। करिहहिं कृपा भानुकुल नाथा।।
तामस तनु कछु साधन नाहीं। प्रीति न पद सरोज मन माहीं।।
अब मोहि भा भरोस हनुमंता। बिनु हरिकृपा मिलहिं नहिं संता।।
जौ रघुबीर अनुग्रह कीन्हा। तौ तुम्ह मोहि दरसु हठि दीन्हा।।