दलितों को पूरा वोट बसपा उम्मीदवारों को मिला है। वीरेंद्र जाटव, जिलाध्यक्ष बसपा

गाजियाबाद। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली बसपा प्रदेश के साथ जिले में भी बुरी तरह पिछड़ी। वहीं, कांग्रेस भी पुराना इतिहास नहीं दोहरा सकी। बसपा और कांग्रेस दोनों पार्टी के सभी पांचों प्रत्याशी जिले की एक भी सीट पर अपनी जमानत नहीं बचा सके। बसपा के अलावा सपा-रालोद गठबंधन और कांग्रेस नेताओं से हमने बात की। चुनावी नतीजों में हार की सभी ने वजह बताई।नतीजे अचंभित करने वाले हैं। कोई बहुत बड़ी गड़बड़ी की आशंका है। बूथों के आधार पर परिणाम की समीक्षा की जाएगी।
एक-एक कार्यकर्ता ने पूरी मेहनत के साथ चुनाव लड़ा। उनकी मेहनत का असर भी चुनाव में दिखा। नतीजे जो आए हैं वह स्वीकार हैं। इस चुनाव में बसपा पूरी तरह निष्क्रिय नजर आई, जिसकी वजह से बसपा के वोटों का भाजपा में ध्रुवीकरण हुआ। इसे हम समझ नहीं सके। हम अगले चुनाव की तैयारी में जुटेंगे। राशिद मलिक, सपा जिलाध्यक्ष
- कांग्रेस ने महिला सुरक्षा, प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई और परिवर्तन को लेकर प्रदेश भर की सभी सीटों पर चुनाव लड़ा। महिलाओं को भागीदारी दी। पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा। जनता का फैसला मंजूर है और हम संघर्ष जारी रखेंगे। कार्तिकेय कौशिक, कांग्रेस कार्यकारी जिलाध्यक्ष
- राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी की अगुवाई में इस बार पूरी लगन के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ा और हमारे बहुत से विधायक इस बार विधानसभा चुनकर आए हैं। हम किसान, मजदूर समेत हर वर्ग के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। अरुण कुमार भुल्लन, रालोद महानगर अध्यक्ष