
मेरठ। पांडव टीला पर चल रही खोदाई के बीच बुधवार को बाबा हरिदास कुटी के पास भी प्राचीन सिक्के मिले। ये सिक्के जांच के लिए एएसआइ अधिकारियों को सौंपे जाएंगे। जांच के बाद ही पता चलेगा कि सिक्के किस धातु और किस काल के हैं। उधर, पांडव टीला पर बुधवार को ज्यादा उत्खनन कार्य नहीं हो सका। सिर्फ साफ सफाई का काम पूरा किया गया।
बाबा हरिदास कुटी के महंत रणधीर उपाध्याय ने बताया कि बुधवार दोपहर वह कुटी के नजदीक दुष्यंत कुएं के पास झाडिय़ों की सफाई कर रहे थे। वहां चूहों के बिल के बाहर कुछ मिट्टी निकली हुई दिखी। उन्होंने मिट्टी को हटाया तो कुछ सिक्के मिले। उन्होंने इसकी सूचना एएसआइ के अधिकारियों को दी और सिक्कों के फोटो भी भेजे।
एएसआइ अधिकारियों ने गुरुवार को ये सिक्के कार्यालय पर भेजने को कहा। दरअसल, उक्त कुएं के पास बाराखंभा नामक स्थान भी है, जहां कौरव-पांडवों के बीच द्यूत क्रीड़ा हुई थी। वह वृक्ष भी बाबा हरिदास कुटी पर ही है, जहां से श्रीकृष्ण ने द्रोपदी का चीर बढ़ाया था।