
मोदीनगर: दिल्ली-मेरठ हाईवे पर यातायात व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। पिछले दो सप्ताह से हाईवे पर सुबह से लेकर शाम तक जाम लगा रहता है। जाम में फंसकर दिनभर लोग परेशानी झेलते हैं। स्थानीय लोगों के लिए भी यह जाम चिता का कारण बनता जा रहा है। वहीं पुलिस प्रशासनिक स्तर से इस समस्या के निवारण को लेकर कोई प्रयास नहीं हो रहा है। अब इसको लेकर स्थानीय लोगों के अलावा राहगीरों का भी सिस्टम से विश्वास उठता जा रहा है।
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने शहर के पूरे आबादी क्षेत्र में अब जमीन पर कब्जा लेकर रैपिड रेल निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन कई जगह काम शुरू करने से पहले न तो अतिक्रमण हटाया गया और न ही सड़क पर सवारी बैठाने के चक्कर में बेतरतीब खड़े होने वाले आटो के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई। कई बार सवारी बैठाने के चक्कर में बस भी बीच सड़क पर ही खड़ी हो जाती हैं। इससे पीछे से आने वाले वाहनों की गति पर विराम लगता है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति गोविदपुरी, बस अड्डा व राज चौपले के आसपास रहती है। वाहनों का कम दबाव, फिर भी बिगड़ रहे हालात: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे शुरू हुए करीब एक साल का समय हो गया है। इसके बाद अधिकांश ट्रैफिक उधर डायवर्ट हो गया है। हाईवे पर अब अधिकांश लोकल का ही ट्रैफिक रह गया है। इसके बावजूद हाईवे पर जाम के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। व्यापारी नेता महेश तायल का कहना है कि इस वक्त जाम पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण लग रहा है। राहगीरों के अलावा जाम से स्थानीय लोगों को भी दिक्कत होती है। लगा जाम, लोग हुए परेशान: बृहस्पतिवार को दिल्ली-मेरठ हाईवे पर दिन निकलते ही जाम लग गया। सुबह से शाम तक लोगों ने शहर के आबादी क्षेत्र में भयंकर जाम झेला। मिनटों की दूरी को तय करने में आधे घंटे का समय लगा। त्योहार पर घर जा रहे लोग सिस्टम के खिलाफ भड़ास निकालते दिखे।
वर्जन.. जल्द ही नगरपालिका, पुलिस और अन्य विभागों की बैठक बुलाई जाएगी। इसमें जाम की समस्या और उससे निजात दिलाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जाएगी।
-शुभांगी शुक्ला, एसडीएम, मोदीनगर।