चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विवि द्वारा कंपनी की स्थापना की जाएगी


गाजियाबाद : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विवि द्वारा कंपनी की स्थापना की जाएगी। कंपनी बनाने को लेकर शुक्रवार को विश्वविद्यालय और सृजन संचार कंपनी के बीच एमओयू साइन किया गया। विवि के अनुसार कंपनी नान प्राफिट के आधार पर काम करेगी। कंपनी के अंतर्गत विवि के अविष्कार, स्टार्टअप व उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा। शुक्रवार को कंपनी के निदेशक शैलेंद्र जायसवाल व विवि कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने प्रशासनिक भवन के कमेटी हाल में एमओयू साइन किया। विवि द्वारा स्थापित कंपनी के अंतर्गत 10 स्टार्टअप को बढ़ावा देने की तैयारी है। फिलहाल विश्वविद्यालय में चल रहे दो स्टार्टअप सौर ऊर्जा से ट्राली के पीछे जलने वाली रिफ्लेक्टर लाइट तथा जैविक खाद को बढावा देने का काम किया जाएगा। बाकी आठ को लेकर योजना बनाई जा रही है। एमओयू साइन के दौरान प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, वित्त अधिकारी सुशील गुप्ता, कुलानुशासक प्रो. वीरपाल सिंह, प्रो. हरे कृष्णा, प्रो. एसएस गौरव, प्रो. अनुज कुमार, प्रो. आरके सोनी, प्रो. योगेंद्र गौतम, मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

हर जिले में खुलेगा इनोवेशन सेंटर: विवि द्वारा हर जिले में इनोवेशन सेंटर खोला जाएगा। सेंटर पर मांग के अनुसार इनोवेशन किया जाएगा। इन इनोवेशन सेंटर के माध्यम से जानेंगे कि इंडस्ट्रीज को किस चीज की आवश्यकता है। जिससे व्यापार को बढावा मिल सके। सेंटर पर इंडस्ट्रीज की मांग के अनुसार इनोवेशन पर भी काम किया जाएगा।

रद्दी के दोबारा उपयोग पर विचार: विवि के अनुसार एमओयू साइन के दौरान विचार किया गया कि विवि में इकट्ठी होने वाली को बेचने के बजाय रिसाइकिल किया जाएगा। जिससे इन कागजों को दोबारा काम में लिया जा सके। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में विचार किया गया।

हर जिले की समस्या को जानेंगे छात्र: विवि के अनुसार सीसीएसयू के विद्यार्थी हर जिले में जाकर सर्वे कर वहां की समस्याओं को जानेंगे। समस्या को जानने के बाद उस समस्या के समाधान के लिए काम किया जाएगा। इस भ्रमण कार्यक्रम को परिक्रमा का नाम दिया गया है।