संसद के बजट सत्र (Parliament Budget Session) का दूसरा चरण शुरू हो गया है, सुबह 11 बजे दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई। संसद की एक समिति ने ‘गहरे समुद्र मिशन’के तहत 150 करोड़ रुपए की कुल आवंटित निधि में से जनवरी 2022 तक एक पैसा भी खर्च नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से इसके कारणों के बारे में विस्तार से अवगत कराने को कहा है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जिलों में सांसदों की अगुवाई वाली ‘दिशा’ समिति की बैठकों को अनिवार्य बनाने की मांग करते हुए कहा कि जिन राज्यों में ये बैठकें नहीं होती हैं वहां विकास कार्य से संबंधित निधि रोकी जाए।
Live Blog
Today 14:17 | गहरे समुद्र मिशन के लिये आवंटित धन खर्च नहीं होने पर संसदीय समिति ने आश्चर्य जताया, कारण भी पूछासंसद की एक समिति ने ‘गहरे समुद्र मिशन’के तहत 150 करोड़ रुपए की कुल आवंटित निधि में से जनवरी 2022 तक एक पैसा भी खर्च नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से इसके कारणों के बारे में विस्तार से अवगत कराने को कहा है। संसद में 15 मार्च को पेश पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वर्ष 2022-23 की अनुदान की मांगों पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से संबंधित स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। कांग्रेस के जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मंत्रालय को ‘गहरे समुद्र मिशन’ (डीप ओशन मिशन) के तहत 150 करोड़ रुपए की कुल निधि आवंटित की गई। रिपोर्ट के अनुसार, समिति को यह देख कर आश्चर्य होता है कि मंत्रालय द्वारा 31 जनवरी 2022 तक एक पैसे का भी उपयोग नहीं किया गया है। समिति ने गहरा समुद्र मिशन योजना के तहत आवंटित निधियों के प्रति मंत्रालय के उदासीन रवैये को गंभीरता लेते हुए मंत्रालय को उन कारणों के बारे में उसे विस्तार से अवगत कराने को कहा है जिनके चलते वह निधियों का संतोषजनक ढंग से उपयोग नहीं कर सका। |
Today 14:14 | ‘दिशा’ समिति की बैठकों को अनिवार्य बनाया जाए: अधीर रंजनलोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जिलों में सांसदों की अगुवाई वाली ‘दिशा’ समिति की बैठकों को अनिवार्य बनाने की मांग करते हुए सोमवार को कहा कि जिन राज्यों में ये बैठकें नहीं होती हैं वहां विकास कार्य से संबंधित निधि रोकी जाए। चौधरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान जनजातीय कार्य मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछते हुए यह दावा भी किया कि पश्चिम बंगाल में पिछले कई वर्षों से ‘दिशा’ समिति की बैठकें नहीं हो रही हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले 12-13 साल से मेरे यहां दिशा समिति की बैठक नहीं बुलाई गई है, जबकि मैं दिशा समिति का प्रमुख हूं। किसी भी मंत्रालय से जुड़े विषय पर दिशा समिति की बैठक नहीं बुलाई जाती है।’’ |
Today 14:13 | विपक्ष ने सड़क सुरक्षा पर ध्यान देने की मांग की, भाजपा सांसद ने गडकरी को ‘स्पाइडरमैन’ बतायाकांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की लोकसभा में मांग की। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के सांसद तापिर गाव ने सड़क निर्माण के लिये सरकार की सराहना करते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी देश में सड़कों का जाल बिछाने वाले ‘स्पाइडरमैन’ बताया। लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के लिए नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर गत बुधवार को आरंभ हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुएवाईएसआर कांगेस पार्टी के एम भारत ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में अमरावती और हैदराबाद के बीच सड़क संपर्क को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि इसमें क्या प्रगति हुई है। कांग्रेस के एमके विष्णु प्रसाद ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने सड़क निर्माण में जो काम किया था, उस कारण आज सड़कों के मामले में भारत दुनिया में नंबर दो पर है। उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता में जर्मनी नंबर एक है, लेकिन भारत का 44वां स्थान है। सरकार सड़कों की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान नहीं दे रही है। प्रसाद ने कहा, ‘‘सड़क सुरक्षा पर आवंटित बजट का करीब दो प्रतिशत ही खर्च हो रहा है, जबकि अमेरिका में बजट का छह फीसदी खर्च होता है।’’ |
Today 14:13 | राज्यसभा मे उठा मार्च महीने से ही गर्मी का प्रकोप शुरू होने का मुद्दाराज्यसभा में सोमवार को सदस्यों ने मार्च महीने से ही गर्मी का प्रकोप शुरू होने, कोविड-19 रोधी टीकों की एहतियाती खुराक को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश ना होने और ऑनलाइन खेलों के बढ़ते प्रचलन पर चिंता जताई और सरकार से इन विषयों को लेकर आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। शून्यकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विकास महात्मे ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा कुछ राज्यों में लू को लेकर जारी की गई चेतावनी का उल्लेख करते हुए कहा कि मार्च के महीने में ही लोग प्रचंड गर्मी का प्रकोप झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे गरीब और किसान सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ चेतावनी जारी करना ही काफी नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह राज्यों को एक दिशा-निर्देश जारी करे कि उन्हें बचाव के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए। सरकार को सभी राज्यों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया भी जारी करनी चाहिए।’’ |