उत्तर प्रदेश में पहली अप्रैल से होगी गेहूं खरीद, एमएसपी के आधार पर किसानों के खाते में सीधा भुगतान


Yogi Adityanath Government 2.0 : CM Yogi Adityanath Wheat Purchase

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसानों को खेत से गेहूं बाहर लाने के बाद बेचने के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहली अप्रैल से प्रदेश भर में गेहूं की सरकारी खरीद प्रारंभ हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के के निर्देश पर अधिकारियों ने गेहूं खरीद के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

उत्तर प्रदेश में इस बार एक अप्रैल से गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 15 जून तक चलने वाली गेहूं की सरकारी खरीद के दौरान किसानों के खाते में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर धनराशि भेज दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अधिकारियों ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी के हिसाब से खरीद होगी। प्रदेश के 6000 से अधिक क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद की तैयारी की जा रही है। गेहूं की खरीद पहली अप्रैल से शुरू होकर 15 जून तक होगी। एमएसपी के हिसाब से किसानों के खाते में सीधे भुगतान होगा।

फिलहाल इस महीने बंद नहीं होगी मुफ्त राशन वितरण योजना : प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गरीबों को फ्री में राशन देने की योजना को विस्तार देने जा रही है। इस बार तैयारी है कि इसे लोकसभा चुनाव तक जारी रखा जाए, हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय शासन करेगा। इसी तरह से साल में दो बार होली और दीपावली पर मुफ्त सिलेंडर देने का भी प्रस्ताव खाद्य एवं रसद विभाग ने शासन को भेज दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैलियों में मुफ्त राशन योजना जारी रखने का वादा जनता से किया था। अब प्रदेश सरकार इस योजना को लोकसभा चुनाव यानी 2024 तक बढ़ाने पर मंथन कर रही है। प्रदेश में इस योजना के 15 करोड़ लाभार्थी हैं। खाद्य व रसद विभाग की ओर से भेजे प्रस्ताव में अवधि का जिक्र नहीं है, इसे सरकार की मंशा पर छोड़ा गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार दिसंबर से मार्च तक मुफ्त राशन देने का ऐलान किया था है। इसमें अंत्योदय कार्ड धारकों को 35 किलो अनाज और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट पांच किलो यानी तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल दिया जाता है। खाद्य व रसद विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में महंगाई के बढऩे के कारण मुफ्त राशन योजना की अवधि बढ़ाने का उल्लेख किया गया है। ऐसे भी संकेत हैं कि योजना को एक साथ न बढ़ाकर दो से तीन चरणों में बढ़ाया जाए। फिलहाल माना जा रहा है कि छह-छह महीने के लिए योजना का ऐलान हो सकता है। इसमें सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दिए जाने वाले राशन यानी गेहूं व चावल के अलावा एक लीटर तेल, एक किलो चना नमक भी देगी। इसी तरह से साल में दो मुफ्त सिलेंडर होली व दीपावली पर लाभार्थियों को देने का वादा संकल्प पत्र में किया गया है। प्रदेश में 1.67 करोड़ लाभार्थी हैं ऐसे में इस पर 3100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। विभाग ने इसका भी प्रस्ताव भेज दिया गया है।