बर्निंग ट्रेन बनी सहारनपुर-दिल्ली पैसेंजर दो कोच राख


मेरठ में शनिवार की सुबह एक पैसेंजर ट्रेन में आग लग गई।

मेरठ। सहारनपुर से चलकर मुजफ्फरनगर-मेरठ के रास्ते दिल्ली जाने वाली 12 डिब्बों की पैसेंजर ट्रेन में शनिवार सुबह आग लग गई। दौराला स्टेशन पर पहुंची ट्रेन के दो डिब्बे जलकर राख हो गए। राहत की बात यह रही कि किसी भी यात्री के साथ कोई अनहोनी नहीं घटी और ट्रेन से सभी सकुशल उतर गए। धू-धूकर जल रहे डिब्बों से शेष ट्रेन को अलग करने के लिए यात्रियों ने धक्का भी लगाया। बाद में फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई। इसके लिए ओवरहेड इक्युपमेंट ओएचई में प्रवाहित होने वाली हाई वोल्टेज पावर सप्लाई बंद कर दी गई, जिससे मुजफ्फरनगर की ओर जाने वाली अप साइड में शताब्दी 1.45 घंटा और नौचंदी एक्सप्रेस दो घंटे तक मेरठ सिटी स्टेशन पर खड़ी रहीं। दिल्ली की ओर जाने वाली उत्कल, जनशताब्दी समेत आधा दर्जन ट्रेनों को मुजफ्फरनगर और सकौती स्टेशनों पर रोक दिया गया। अप साइड में ट्रेनों का संचालन सुबह 10 और डाउन साइड में 11 बजे आरंभ हो सका।

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ट्रेन संख्या 04460 मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (मेमू) शनिवार को जब 7.06 बजे सकौती स्टेशन से चलने के बाद रेल फाटक के पास पहुंची तो गेटमैन ने पांचवें कोच के निचले भाग से धुआं निकलते देखा। उसने तुरंत सकौती स्टेशन मास्टर को सूचना दी। इधर, ट्रेन जब 7.14 बजे दौराला स्टेशन के प्लेटफार्म पर पहुंची तो आग की लपटें बढ़ चुकी थीं। यात्रियों ने शोर मचाना शुरू किया तो गार्ड ने प्लेटफार्म नंबर दो पर निर्धारित स्थान के कुछ पहले ही ट्रेन को रुकवा दिया। आनन-फानन में यात्री डिब्बों से उतरे। रेलकर्मियों ने पहले आग बुझाने की कोशिश की लेकिन लपटें इतनी तेज थीं कि उन्हें पीछे हटना पड़ा। पांचवां और छठां कोच पूरी तरह आग की चपेट में आ चुके थे। सातवां डिब्बा भी चपेट में आ चुका था, लेकिन यात्रियों और कर्मचारियों के प्रयास से बच गया

फायर ब्रिगेड के वाहन लगभग आठ बजे पहुंचे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि छह फायर टेंडर ने सवा घंटे में आग पर काबू पाया। हालांकि प्रभावित डिब्बों के कई हिस्सों से देर तक धुआं निकलता रहा। साढ़े तीन घंटे बाद ही आग पूरी तरह बुझ सकी। इस बीच 11 बजे दौराला पहुंची शालीमार एक्सप्रेस में यात्रियों को दिल्ली की ओर रवाना किया गया। मौके पर पहुंचे दिल्ली डिवीजन के मंडल प्रबंधक डिंपी गर्ग ने अन्य अधिकारियों के साथ जले डिब्बों का मुआयना किया। बताया कि आग लगने के कारणों की जांच के लिए हाई ग्रेड एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी का गठन किया गया है। जांच के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेगा।

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फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं

दौराला थाना पुलिस और जीआरपी मौके पर पहुंची। जब तक आग बुझाने के उपकरणों इस्तेमाल किया जाता, तब तक धुआं आग में बदल गया। देखते ही देखते इंजन के पीछे लगे दो डिब्बों में आग पहुंच गई। आग की लपटें शोलों में बदल गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया। फिलहाल आग बुझाने का कार्य जारी है। इस हादसे में किसी के कोई हताहत होने की सूचना नहीं है।

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बना रही वीडियो ले रही सेल्फी

ट्रेन के इंजन में दो डिब्बे में आग लगी थी। दमकल कर्मी आग बुझाने का काम कर रहे। इसी बीच मौजूद क्षेत्र के लोगों की भीड़ जमा थी। कुछ लोग अपने मोबाइल से आग लगे डिब्बों की सेल्फी ले रहे थे वही कुछ वीडियो भी बना रहे थे। जिन्हें पुलिस ने ट्रेन के पास से दूर भगाया।

इंजन को लगाया धक्का, बचा लिए पांच कोच

ट्रेन के दो कोच में आग लगी तो वहां पूरी तरह अफरा-तफरी मच गई थी। बदहवासी में लोग किसी तरह नीचे उतर पाए थे। इतना सबकुछ होने के बावजूद लोगों ने हिम्मत और हौसला नहीं खोया था। यही कारण था कि जब पांचवें और छठे कोच पूरी तरह आग की चपेट में थे तो सामने के चार कोच को इंजन खींच कर आगे ले गया, लेकिन पीछे के डिब्बों के आग की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया था। क्योंकि सातवीं बोगी में भी आग लग चुकी थी। यह देख सैकड़ों यात्रियों और कर्मचारियों ने हिम्मत दिखाई और पीछे की बोगियों को आग से सुरक्षित रखने के लिए उसे दूर तक धक्का लगाया। सातवें कोच की आग भी अपने प्रयासों से बुझा लिया।
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वहीं आग की घटना के बाद शताब्दी और कई महत्वपूर्ण ट्रेन मेरठ के सिटी स्टेशन और अन्य जगहों पर खड़ी रहीं। सबकुछ सामान्‍य होने के बाद करीब ढाई घंटे के बाद इन ट्रेनों को गंतव्‍य की ओर रवाना किया गया। ट्रेन यातायात को सुचारू कर दिया गया था।