भारत की बराबरी करने चले पाक ने पड़ोसी देश को भेजा खराब गेहूं, तालिबान ने जमकर कोसा

भारत की बराबरी करने चले पाक ने पड़ोसी देश को भेजा खराब गेहूं, तालिबान ने जमकर कोसा

प्रतिरूप फोटो

पाकिस्तान की अफगानिस्तान में काफी ज्यादा थू-थू हो रही है। क्योंकि अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान ने उन्हें सड़ा हुआ गेहूं भेजा है। जिसे खाया भी नहीं सकता है। जिसके बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया पर पाकिस्तान काफी ज्यादा ट्रोल हो रहा है।

आपको बता दें कि पाकिस्तान की अफगानिस्तान में काफी ज्यादा थू-थू हो रही है। क्योंकि अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान ने उन्हें सड़ा हुआ गेहूं भेजा है। जिसे खाया भी नहीं सकता है। जिसके बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया पर पाकिस्तान काफी ज्यादा ट्रोल हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ तालिबान के नेताओं ने भारत की तरफ से की गई मदद की जमकर प्रशंसा की है।

अफगानिस्तान के पत्रकार अब्दुलहक ओमेरी ने एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें तालिबानी नेताओं को देखा जा सकता है। इस वीडियो में तालिबानी नेता कह रहे है कि पाकिस्तान से दान में मिला गेहूं खाने लायक नहीं है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने मानवीय सहायता के तौर पर पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को गेहूं की तीसरी खेप मंगलवार को भेजी थी। जहां एक तरफ सभी की निगाहें रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर थी। वहीं भारत ने अपने पड़ोसी देश की समस्या को देखते हुए मदद भेजना शुरू कर दिया था।मदद करने में पीछे नहीं रहता भारत

भारत ने 22 फरवरी को 2500 मीट्रिक टन गेहूं पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को भेजा था। इसके बाद मार्च की शुरुआत में 2000 मीट्रिक टन गेहूं की दूसरी खेप अफगानिस्तान के लिए रवाना हुई थी और तीसरी खेप हाल ही में भेजी गई है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का भी बयान भी सामने आया था। उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान के लोगों को सहयोग करने का हमारा अथक प्रयास जारी है। 2000 मीट्रिक टन गेहूं की तीसरी खेप को अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर के लिए रवाना की गई है।

उन्होंने कहा था कि यह अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्यान्न कार्यक्रम के तहत वितरित किए जाने वाले 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने की भारत की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। दरअसल, भारत ने गत वर्ष सात अक्टूबर को पाकिस्तान के सड़क मार्ग से अफगानिस्तान तक 50 हजार टन गेहूं पहुंचाने देने का प्रस्ताव भेजा था, जिस पर पड़ोसी देश ने 24 नवम्बर को सकारात्मक जवाब दिया था।